आदिवासी महिला की सुनवाई नहीं हुई तो हिंदूवादियों ने थाने में पढ़ी हनुमान चालीसा
इंदौर। खुद को लव जिहाद का शिकार बताने वाली आदिवासी महिला (tribal woman) की पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो हिंदूवादियों ने थाने का घेराव कर दिया, वहीं हनुमान चालीसा पढ़ी।
इससे पहले 30 साल की एक महिला बेटमा थाने में इस संबंध में शिकायत करने पति और अन्य रिश्तेदार के साथ पहुंची थी। महिला का आरोप था कि जब वह नाबालिग थी तो उसकी मां ने पैसों के लालच में आकर बेटमा के ही शब्बीर पिता छोटे खां के साथ रहने भेज दिया। बच्चे नहीं हुए तब तक शब्बीर अच्छे से रखता था। जैसे ही बच्चे हुए तो वह व उसके घरवाले धर्म परिवर्तन के लिए दबाव लगे। नमाज पढऩे के लिए कहते थे। नहीं पढऩे पर अपशब्द कहते थे। प्रताडऩाओं से तंग आकर वह बहन के घर चली गई। बाद में उसने दूसरे लडक़े से विवाह कर लिया। महिला का आरोप है कि जब वह मायके आई तो शब्बीर आकर धमकाने लगा। कहने लगा कि मेरे साथ रहकर मुस्लिम बन जा। उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखाने पहुंची तो पहले तो पुलिस ने सुनवाई नहीं की। बेटमा के हिंदूवादियों से महिला और उसके परिजन ने मदद मांगी तो ऋषि दुबे, रितिक चौहान सहित कई कार्यकर्ता बेटमा थाना पहुंचे और थाने में ही पुलिस का घेराव करते हुए परिसर में बैठकर हनुमान चालीसा पढऩे लगे। यह खबर अधिकारियों तक पहुंची तो वे तत्काल थाने पहुंचे और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की।
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