नई दिल्ली । दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) को और मजबूत करने को लेकर काम लगातार जारी है। आधुनिक हथियारों, मिसाइल, हेलीकॉप्टर से लेकर बड़े युद्धपोतों (warships) को सेना में शामिल किया जा रहा है। भारत (India) के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को दो सितंबर को ही भारतीय नौसेना को सौंपा गया है। विक्रांत की भव्य कमीशनिंग पर उत्साह अभी खत्म भी नहीं हुआ है और देश 11 सितंबर को भारतीय नौसेना के स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट ‘तारागिरी’ (Taragiri) को लॉन्च करने के लिए तैयार है। लॉन्चिंग इवेंट मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में होगा।
प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स का पांचवा जहाज
पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। गढ़वाल में स्थित हिमालय के एक पहाड़ी श्रृंखला के नाम पर ‘तारागिरी’ का नाम रखा गया है। यह प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स का पांचवा जहाज है। यह जहाज P17 फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) का उन्नत संस्करण हैं, और यह बेहतर स्टील्थ फीचर्स, अत्याधुनिक हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है। तारागिरी पूर्ववर्ती तारागिरी, लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का पुनर्निर्माण है। पूर्ववर्ती तारागिरी जहाजों ने 16 मई 1980 से 27 जून, 2013 तक तीन दशकों के दौरान राष्ट्र के प्रति अपनी शानदार सेवा में कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन देखे हैं।
कुल सात जहाज अभी हैं निर्माणाधीन
P17A कार्यक्रम के तहत, एमडीएल में 04 और जीआरएसई में 03 समेत कुल सात जहाज निर्माणाधीन हैं। 2019 और 2022 के बीच अब तक चार P17A प्रोजेक्ट शिप (एमडीएल और जीआरएसई में दो-दो) लॉन्च किए जा चुके हैं। P17A जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है। ये एजेंसी राष्ट्र के सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए अग्रणी संगठन है।
कब हुई इसे बनाने की शुरुआत?
भारतीय नौसेना के तीसरे स्टील्थ फ्रिगेट तारागिरी को प्रोजेक्ट 17ए के तहत तैयार किया जा रहा है। मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा इसे लॉन्च किया जाएगा। इस युद्धपोत में करीब 75 फीसदी स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। तारागिरी का निर्माण 10 सितंबर, 2020 से किया जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2025 तक इसे भारतीय नौसेना को सुपुर्द करने की उम्मीद है।
युद्धपोत ‘तारागिरी’ की खासियत
युद्धपोत ‘तारागिरी’ 3510 टन वजनी है। तारागिरी को भारतीय नौसेना के इन-हाउस ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन की ओर से डिजाइन किया गया है। 149 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा ये जहाज दो गैस टर्बाइन और दो मुख्य डीजल इंजनों के संयोजन से संचालित होगा। इसकी गति 28 समुद्री मील (लगभग 52 किमी प्रति घंटे) से अधिक होगी। आईएनएस तारागिरी का डिस्प्लेसमेंट 6670 टन है। यह मैक्सिमम 59 किमी प्रतिघंटा की गति से समंदर की लहरों को चीरते हुए दौड़ सकता है। इस स्वदेशी युद्धपोत पर 35 अधिकारियों के साथ 150 लोग तैनात किए जा सकते हैं।
किन-किन हथियारों की हो सकती है तैनाती?
स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए इस पोत में अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, उन्नत कार्रवाई सूचना प्रणाली, एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली, विश्वस्तरीय मॉड्यूलर रहने की जगह, बिजली वितरण प्रणाली और कई अन्य उन्नत सुविधाएं होंगी। इसे सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली से लैस किया गया है। युद्धपोत ‘तारागिरी’ पर एंटी एयर वॉरफेयर के लिए भविष्य में सर्फेस टू एयर में मार करने वाली 32 बराक 8 ईआर या फिर भारत का सीक्रेट हथियार VLSRSAM मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। इस पर ब्रह्मोस मिसाइल की भी तैनाती की जा सकती है. इस युद्धपोत में एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए दो ट्रिपल टॉरपीडो ट्यूब्स हैं। हेलिकॉप्टर के लिए एनक्लोज्ड हैंगर भी हैं, जिसमें दो मल्टी रोल हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं। इस युद्धपोत में एक 76 मिमी की ओटीओ (OTO) मेलारा नेवल गन के अलावा 2 एके-630 M CIWS गन लगाई जाएंगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved