डेस्क: अगर आप एंड्राॅयड फोन यूजर हैं या डेस्कटॉप पर क्रोम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपके लिए भारतीय सरकार ने एक जरूरी अलर्ट जारी किया है. भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने एंड्रॉइड यूजर्स और गूगल क्रोम ब्राउजर के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि समय रहते यूजर्स ने कदम नहीं उठाया तो उन्हें ज्यादा परेशानी हो सकती है.
दरअसल साइबर सुरक्षा एजेंसी ने गंभीर कमजोरियों की पहचान की है जो डेटा चोरी, अनधिकृत पहुंच और सिस्टम अस्थिरता का कारण बन सकती हैं. इन समस्याओं को उच्च गंभीरता के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
CERT-In के अनुसार, एंड्रॉइड वर्जन 13, 14 और 15 से पहले के वर्जन में कई कमजोरियों का पता चला है. इन खामियों का फायदा उठाकर हमलावर संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और इसकी वजह से डिवाइस अजीब बीहेव कर सकता है. CERT-In ने यूजर्स और OEMs को अपने सिस्टम को एंड्रॉइड 13, 14 या 15 में अपग्रेड करने की सलाह दी है ताकि वे सुरक्षित रह सकें.
जो यूजर्स डेस्कटॉप पर गूगल क्रोम का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें बता दें कि गूगल क्रोम में भी कमजोरियां पाई गई है. प्रभावित वर्जन में लिनक्स के लिए 135.0.7049.84 से पहले के क्रोम वर्जन और विंडोज और मैकओएस के लिए 135.0.7049.84/.85 शामिल हैं.
CERT-In का कहना है कि यह समस्या साइट आइसोलेशन में उपयोग के बाद मुक्त (use-after-free) कमजोरी के कारण उत्पन्न होती है. अगर इसका दुरुपयोग किया जाए, तो एक दूरस्थ हमलावर उपयोगकर्ताओं को एक विशेष रूप से तैयार की गई वेबसाइट पर जाने के लिए धोखा देकर सिस्टम पर मनमाना कोड चला सकता है.
इससे सिस्टम क्रैश हो सकता है, अप्रत्याशित व्यवहार हो सकता है या सिस्टम का नियंत्रण खो सकता है. यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे गूगल के आधिकारिक चैनल के जरिए उपलब्ध लेटेस्ट क्रोम अपडेट लागू करें ताकि इस समस्या को ठीक किया जा सके.
दोनों कमजोरियों को उच्च गंभीरता में रेट किया गया है और CERT-In ने यूजर्स को तुरंत इस पर कदम उठाने की सलाह दी है. Android यूजर्स को अपने डिवाइस को लेटेस्ट OS वर्जन में अपडेट करने की सलाह दी गई है. वहीं Chrome यूजर्स को Google के लेटेस्ट स्टेबल वर्जन को इंस्टॉल करना होगा. सरकारी एजेंसी ने यूजर्स, संगठनों और डिवाइस बनाने वालों को सतर्क रहने को कहा है और पैच जल्द से जल्द लागू करने को भी कहा है.
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