वाशिंगटन (Washington)। अमेरिकी अंतरिक्ष (American space) मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने इस हफ्ते के अंत में पृथ्वी से एक भयंकर सौर तूफान के टकराने की आशंका जाताया है. इसके लिए गंभीर (G4) जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच (geomagnetic storm watch) जारी किया है. यह जनवरी 2005 के बाद से अपनी तरह का पहला तूफान है, जो दुनिया भर में ब्लैकआउट, नेविगेशन सिस्टम में व्यवधान और हाई फ्रीक्वेंसी का रेडियो वेव के टकराने का खतरा पैदा करेगा.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के बीच ट्रांस-पोलर क्षेत्र में उड़ान भरने वाली सभी उड़ानों को फिर से री-रूट किया जाएगा ताकि यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को विकिरण जोखिम से बचाया जा सके. स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने बाताया कि इस प्रकार की घटना बेहद दुर्लभ होती हैं.
सूर्य के वायुमंडल से पांच विस्फोट शुक्रवार देर रात से आने और रविवार तक जारी रहने की भविष्यवाणी की गई है. ब्लूमबर्ग के अनुसार, तूफान की असली ताकत पृथ्वी से टकराने से लगभग 60 से 90 मिनट पहले पता चलेगी क्योंकि सैटेलाइट निकलने वाली ऊर्जा के विस्फोट को मापते हैं. कोरोनल मास इजेक्शन, या सीएमई, सूर्य की सतह पर होने वाली विस्फोटक घटनाएं हैं. इनमें सूर्य के कोरोना से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का विस्फोट होता है. जब ये कोरोनल मास इजेक्शन पृथ्वी की ओर निर्देशित होते हैं, तो वे भू-चुंबकीय तूफान उत्पन्न कर सकते हैं.
संचार, विद्युत पावर ग्रिड, नेविगेशन, रेडियो और उपग्रह संचालन में व्यवधान की संभावना रहती है. धरती पर इंसानों को पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से सुरक्षा मिल जाता है. लेकिन, बिजली के ग्रिडों को खतरा रहता है, पाइपलाइनें करंट से चार्ज हो सकती हैं, और अंतरिक्ष यान अपने रास्ते से भटक सकते है. पिछली बार अक्टूबर 2003 में पृथ्वी पर G5 तूफ़ान आया था- जो पैमाने पर सबसे भयानक था. इसके परिणामस्वरूप स्वीडन में बिजली गुल हो गई और दक्षिण अफ़्रीका में ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा था.