– भाजपा में टिकट के दावेदार-विधानसभा 3, यहां भी महिला वार्ड होने के कारण कई पुरुष दावेदार बैठाने लगे हैं पत्नी, बेटी, बहू और बहन के समीकरण
इंदौर। संजीव मालवीय
3 नंबर विधानसभा कहने को तो छोटी विधानसभा है और यहां मात्र 10 वार्ड ही हैं, लेकिन दावेदार बहुत ज्यादा हैं। यहां से विधायक बने आकाश विजयवर्गीय को सबको संतुष्ट करना एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि इस वार्ड में अधिकतर मंत्री उषा ठाकुर और पूर्व विधायक गोपी नेमा के समर्थक भी हैं। हालांकि अब सब आकाश के साथ होने का दावा कर रहे हैं।
पिछले दो भाग में 1 नंबर विधानसभा के भाजपा और कांग्रेस के दावेदारों की सूची प्रकाशित की गई थी। इस सूची में उन पुरुष दावेदारों के नाम थे, जिनके वार्ड महिला होने के बाद उनकी दावेदारी जाती रही, लेकिन कोई अपनी पत्नी का नाम आगे बढ़ा रहा है तो किसी ने बेटी और बहू तक का नाम आगे कर रखा है। 3 नंबर के कुछ वार्डों में भी यही स्थिति है। हालांकि आज 3 नंबर के सभी 10 वार्डों के दावेदारों के नाम प्रकाशित किए जा रहे हैं, जो अलग-अलग गुट के नेताओं से बात करके सामने आए हैं। वैसे यहां विधायक के नजदीकी भी चुनाव लडऩे की आस लिए हुए हैं, लेकिन कंट्रोवर्सी से बचने के लिए अपना नाम आगे नहीं कर रहे हैं।
वार्ड क्रमांक 55-यह वार्ड पहले पिछड़ा वर्ग था, लेकिन अब सामान्य महिला हो गया है। यहां से चुनाव लड़ चुके पूर्व मंडल अध्यक्ष गंगाराम यादव अपनी पत्नी को लड़ाना चाह रहे हैं तो नजदीकी वार्ड की पार्षद रही शोभा गर्ग यहां से दावेदारी कर रही हैं। इसके अलावा महिला मोर्चा की शालिनी शर्मा, पूजा शर्मा, बबली तलरेजा, अदिति गर्ग भी कतार में हैं। वहीं सुमित मिश्रा भी अपनी पत्नी को यहां से लड़ाना चाह रहे हैं, जो ओबीसी वर्ग से हैं।
वार्ड क्रमांक 56-ओबीसी महिला से जनरल हुए इस वार्ड में दावेदार कम हैं। यहां से मंडल अध्यक्ष गजानंद गावड़े की दावेदारी दमदार है, क्योंकि इस वार्ड का कुछ हिस्सा मराठी बहुल है। वहीं विष्णु तिवारी, देवेन्द्र पटेल और राजेन्द्र केलोनिया भी यहां अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं।
वार्ड क्रमांक 57-ये वार्ड सामान्य पुरुष के लिए आरक्षित हो चुका है। पूर्व पार्षद दीपिका नाचन के पति कमलेश यहां से दम भर रहे हैं तो भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के नितिन शर्मा ने भी लंबे समय से पार्टी का काम करने का इनाम टिकट के रूप में मांगा है। इसके अलावा ताई के भरोसे सुधीर दांडेकर भी सामने हैं तो शेखर किबे के भाई शांतनु किबे भी दावेदारों के रूप में आगे हैं।
वार्ड क्रमांक 58-सामान्य से ओबीसी वार्ड हो चुके इस वार्ड में राजू चौहान, मनोज यादव, रंजीत यादव और विक्की नीमा का नाम आगे है, लेकिन ओबीसी मुक्त हो चुके इस वार्ड में महिला दावेदार के रूप में माधुरी जायसवाल का नाम भी शामिल है। चूंकि यह वार्ड कांग्रेस के पास है, इसलिए इसे कांग्रेस से भाजपा की झोली में डालने के लिए कड़ी मशककत करना होगी और जो ये मशक्कत करेगा पार्टी उसी के नाम को आगे करेगी।
वार्ड क्रमांक 59- अजा महिला के लिए आरक्षित हो चुके इस वार्ड में सभी पुरुष दावेदारों के समीकरण गड़बड़ा गए हैं। दावेदार भी ज्यादा हैं। लंबे समय से पार्टी का काम करने वाले दीपेश पचौरी अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं और सक्रिय भी हैं। वहीं भरतसिंह खस भी अपनी पत्नी के लिए अड़े हुए हैं तो इसी वार्ड के पूर्व पार्षद रत्नेश बागड़ी अपनी बहन का टिकट मांग रहे हैं। बागड़ी मंत्री उषा ठाकुर के रिश्तेदार हैं, इसलिए वे अपना टिकट पक्का मानकर चल रहे हैं। वे कहते फिर रहे हैं कि 3 नंबर में एक टिकट तो मंत्री का होगा ही। इसके अलावा अरुण पेंढारकर अपनी पत्नी के लिए तो उनके भतीजे अमर भी अपनी पत्नी को लेकर लगातार संपर्क में हैं। वहीं इसी क्षेत्र के पुराने नेता सजन भिलवारे अपनी बेटी के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
वार्ड क्रमांक 60-मुस्लिम बहुल वार्ड होने के कारण यहां से पार्टी के पास अभी तक कोई मुस्लिम नाम नहीं आया है, लेकिन पहले कांग्रेस में रहे और भाजपा में घुल-मिल चुके महेश गोयल ने अपनी पत्नी का नाम आगे बढ़ाया है। वहीं युवा मोर्चा के राहुल राणे और पारस खींची भी अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने के लिए तैयार हैं। अगर उम्र का फैक्टर चला तो राणे या खींची में से किसी एक की लॉटरी लग सकती है।
वार्ड क्रमांक 61-इस वार्ड से भाजपा के कार्यालय मंत्री एवं गोपी नेमा के नजदीकी कमल वर्मा अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। हालांकि दावा उनका था, लेकिन आरक्षण ने सारे गणित बिगाड़ दिए। इसके साथ ही अजा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष दिनेश वर्मा का दावा भी यहां से है, लेकिन महिला दावेदार के रूप में भावना चौधरी का नाम सामने आ रहा है। पार्टी यहां से किसी दमदार महिला प्रत्याशी को ही लड़ाना चाह रही है।
वार्ड क्रमांक 62- यहां भी ढेरों दावेदार हैं और सामान्य महिला होने के कारण यहां से सर्वेश जैन अपनी मां, त्रिलोक गोयल अपनी बेटी, सर्वेश जैन अपनी पत्नी, मुकेश मंगल अपनी पत्नी, दिनेश पांडे अपनी बहू को लड़ाना चाह रहे हैं और सभी ने लॉबिंग भी शुरू कर दी है। यह वार्ड पहले निर्दलीय प्रत्याशी का था, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए। वहीं लल्ली चौधरी नामक महिला कार्यकर्ता का नाम भी आगे है।
वार्ड क्रमांक 63-ओबीसीमुक्त इस वार्ड में गंगाराम यादव स्वयं आगे हैं तो दो नंबर के खास समर्थक सुमित मिश्रा और मनीष मामा जैसे नेता अपनी पत्नी को लड़ाना चाह रहे हैं। मंडल अध्यक्ष रीतेश वीरांग अपने उस्ताद उमेश शर्मा के भरोसे हैं तो भाजपा में आए पवन जायसवाल जो सिंधिया समर्थक हैं, उन्होंने भी यहां से दावेदारी पुख्ता कर रखी है।
वार्ड क्रमांक 64- इस वार्ड में पांच दावेदार हैं और इनमें प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा का नाम भी है। जाहिर तौर पर वे चुनाव लडऩे का मना कर रहे हैं। यहां से सुमित मिश्रा और मनीष मामा स्वयं को दावेदारों की सूची में आगे मान रहे हैं तो रामदास गर्ग ने भी यहां से अपना दावा मजबूत कर रखा है। वैसे यहां से अग्रवाल समाज से सांसद समर्थक बंटी गोयल का नाम भी प्रमुख दावेदारों में है। अग्रवाल बहुल इस वार्ड में अग्रवाल प्रत्याशी की जरूरत पार्टी को महसूस हो रही है।
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