इन्दौर।कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने दीपावली के दूसरे दिन यानी धोक पड़वा पर गौतमपुरा पर होने वाले परम्परागत हिंगोट युद्ध पर प्रतिबंध लगा दिया था। वैसे भी हर साल लोग जख्मी हो जाते हैं और इसे बंद करने की याचिकाएं भी कोर्ट में लगाई गई, मगर परम्परा के चलते ये आयोजन जारी रहा। कल भी हिंगोट युद्ध करने वाले योद्धा नहीं माने और उन्होंने हिंगोट चलाना शुरू किए, तो पुलिस ने रोका तो उन पर ही हिंगोट बरसाना छतों से शुरू कर दिए। एक जवान को भी हिंगोट लगा, उसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई और पांच योद्धाओं को थाने भिजवा दिया। योद्धाओं ने बड़ी संख्या में हिंगोट बनाकर एकत्रित कर रखे थे, उन्हें जब्त भी किया गया। तुर्रा और कलंगी दो टीमों के बीच यह हिंगोट युद्ध होता है।
प्रतिबंध के बावजूद परम्परा को कायम रखने के लिए हिंगोट युद्ध की तैयारी गौतमपुरा के लोगों ने कर ली थी। इंदौर से 55-56 किलो मीटर दूर गौतमपुरा में गोवर्धन पूजा व धोकपड़वा पर वर्षों से यह परम्परागत हिंगोट युद्ध हो रहा है। दोनों तरफ तुर्रा और रुणजी के वीर कलंगी एक-दूसरे पर हिंगोट बरसाते हैं, जिसमें हर साल कुछ लोग घायल भी हो जाते हैं। इंदौर से और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग इस हिंगोट युद्ध को देखने जाते भी हैं। इस बार पुलिस-प्रशासन ने कोरोना के चलते प्रतिबंध लगाया और अस्थायी पुलिस चौकी भी हिंगोट युद्ध मैदान पर स्थापित कर दी और आसपास का फोर्स भी बुला लिया था। पहले से चेतावनी भी दे दी थी कि अगर प्रतिबंध के बावजूद हिंगोट युद्ध किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन लोग परम्परा के नाम पर नहीं माने और युद्ध शुरू कर दिया। जब पुलिस ने सख्ती की तो योद्धाओं ने छतों पर चढ़कर हिंगोट चलाना शुरू कर दिए। कुछ लोग सड़क से भी हिंगोट फेंक रहे थे और मैदान में भी पहुंच गए, तब पुलिस ने पकडऩा शुरू किया। वहीं एक जवान पर हिंगोट फेंका गया, मगर गनीमत रही कि उसका चेहरा झुलसने से बच गया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती शुरू की और कुछ लोगों को पकड़कर थाने पर बैठा दिया। इन योद्धाओं का कहना था कि भले ही थोड़ी देर के लिए, लेकिन अनुमति मिलना चाहिए थी।
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