नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली सरकार (Delhi Government) के विशेष सचिव (सतर्कता) वाईवीवीजे राजशेखर को सोमवार को उनके पद पर बहाल कर दिया गया। एक हफ्ते पहले राजशेखर (rajasekhar) को उनके पद से हटा दिया गया था। राजशेखर ने आरोप लगाया था कि संवेदनशील फाइलों से छेड़छाड़ करने के लिए उनके ऑफिस में सेंध लगाई गई थी। सचिव (सतर्कता) द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि राजशेखर हमेशा की तरह काम फिर से शुरू करेंगे। वह सहायक निदेशक (assistant director) काम के संबंध में 10 मई जैसी स्थिति बनाए रखेंगे।
मालूम हो कि सतर्कता मंत्री सौरभ भारद्वाज (Minister Saurabh Bhardwaj) के आदेश पर राजशेखर से उनका सारा काम छीन लिया गया था। उनसे फाइलें ले ली गई थीं। आदेश में सेवा मामलों को एलजी के नियंत्रण में लाने से संबंधित केंद्र के हालिया अध्यादेश के मद्देनजर कमरा संख्या-403 (विशेष सचिव, सतर्कता) और 404 (विशेष सचिव, सतर्कता का गोपनीय खंड) की सील हटाने का भी निर्देश दिया गया है।
वहीं अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने राजशेखर की उस शिकायत की जांच शुरू कर दी है जिसमें उन्होंने सचिवालय में अपने कार्यालय का ताला खोलने और आबकारी नीति और मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण की जांच से जुड़ी फाइलों समेत संवेदनशील फाइलों से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया था। दिल्ली सचिवालय के केयरटेकिंग विभाग के अधिकारी ने सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वाईवीवीवाई राजशेखर के कमरे का सील खोलने का आदेश जारी किया है।
दिल्ली सचिवालय के केयरटेकिंग विभाग के अधिकारी बिजू राज ने केंद्र सरकार की ओर से 19 मई के अध्यादेश का हवाला देते हुए राजशेखर के कमरा नंबर 404 को दोबारा खोलने और उनके छीने गए कामकाज वापस देने की बात कही। दिल्ली सरकार के सेवा विभाग के प्रभारी मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजशेखर के विजिलेंस विभाग व सेवा विभाग से जुड़े सभी कामकाज वापस ले लिए थे, लेकिन केंद्र सरकार के अध्यादेश आते ही दोबारा एलजी के निर्देश पर उन्हें सारा काम वापस दे दिया गया है।
सेवा विभाग का रूम नंबर 403 जो राजशेखर की निगरानी में था। उसमें से फाइलों में सेंधमारी को लेकर राजशेखर ने आरोप लगाया था उसे लेकर भी जानकारी मांगी गई है। सेवा विभाग के अधिकारी बुनियाद सिंह से उन सभी फाइलों की जानकारी मांगी गई है। वहीं, राजशेखर को दोबारा से सभी कामकाज मिलने के बाद आशंका जताई जा रही है कि सरकार और एलजी के बीच एक बार फिर विवाद बढ़ सकता है।
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