नई दिल्ली (New Delhi)। ‘गद्दार’ के मुद्दे (‘Traitor’ issue) पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है और मामला ‘इतिहास’ पर पहुंच गया है। एक ओर जहां रमेश ने सिंधिया के सामने उनके परिवार के अतीत का जिक्र किया और कविता साझा कर दी। वहीं, जवाब में सिंधिया ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Former Prime Minister Jawaharlal Nehru) की किताब के अंश पेश कर दिए।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिंधिया ने कांग्रेस पर ‘मोदी सरनेम’ और सेना से सबूत समेत कई मामलों में घेरा था। उन्होंने कहा था, ‘…कांग्रेस की कोई विचारधारा नहीं बची है और ऐसी कांग्रेस पार्टी की केवल एक विचारधारा बची हुई है और वह है एक देशद्रोही की विचारधारा की।’
कांग्रेस का हमला
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश ने ट्वीट किया, ‘क्या वह सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी पर लिखी कविता भूल गए हैं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।’ दरअसल, ज्योतिरादित्य साल 1947 तक ग्वालियर पर राज करने वाले सिंधिया राजवंश से आते हैं।
अब सिंधिया ने उठाई नेहरू की किताब
केंद्रीय मंत्री ने रमेश के सवाल का जवाब नेहरू की किताब के जरिया दिया और उन्हें ‘कविताओं से ज्यादा इतिहास पढ़ने की सलाह दी।’ उन्होंने ‘Glimpses of World History’ किताब का अंश साझा किया, ‘इस प्रकार उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता। मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे। लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़े-टुकड़े हो गई।’
उन्होंने किताब के हवाले से आगे बताया, ‘मराठाओं ने 1972 में दक्षिण को हराया। उत्तर में ग्वालियर के सिंधिया का वर्चस्व था और उन्होंने दिल्ली के साम्राज्य पर नियंत्रण किया।’ सिंधिया ने कांग्रेस नेता पर भी पाखंडी होने के आरोप लगाए।
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