जयपुर । राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के हर शब्द का मर्म होता है। सीएम गहलोत का बोला हुआ एक-एक शब्द ही सब कुछ बयां कर देता है। ऐसा ही पिछले साल विधानसभा में बजट भाषण के दौरान हुआ था। सीएम गहलोत ने विपक्ष के साथ-साथ अपने सियासी विरोधियों पर जमकर जुबानी हमला बोला।
बजट भाषण के दौरान सीएम गहलोत ने विधायकों के लिए दिल्ली की तर्ज पर क्लब स्थापना की घोषणा की। तब सीएम ने किसी सदस्य की टिप्पणी पर कहा- समझ नहीं आ रहा है क्या? अरे यहां कुछ खिलाड़ी है, जो छिपकर दिल्ली जाते हैं। उनको सब समझ में आ रहा है। हालांकि, सीएम गहलोत ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि सीएम गहलोत का इशारा पायलट गुट की तरफ ही था।
सुलह के बाद भी खींचतान जारी
सीएम गहलोत अपने चिरपरिचित अंदाज में अपने सियासी विरोधियों पर निशाना साधने के लिए जाने जाते हैं। उल्लेखनीय है कि सीएम सीएम गहलोत के खिलाफ 2020 में पायलट गुट ने बगावत की थी। तब से ही गहलोत-पायलट गुट में खींचतान चल रही है। हालांकि दोनों गुटों में सुलह हो गया है। पायलट गुट के विधायकों को गहलोत कैबिनेट में जगह भी मिल गई, लेकिन गाहे-बगाहे दोनों नेताओं के बीच छत्तीस का आंकड़ा बरकरार है। सीएम गहलोत अवसर मिलते ही पायलट गुट को निशाने पर लेने से नहीं चूकते हैं।
पायलट ने यूं किया हिसाब बराबर
राजस्थान की राजनीति में सीएम गहलोत- पायलट के बीच कड़वाहट किसी से छिपी नहीं है। दोनों नेताओं के बीच की कड़वाहट कई बार जयपुर से दिल्ली दरबार पहुंच चुकी है। गहलोत के निशाना साधने पर पायलट भी पीछे नहीं रहते हैं। पिछले दिनों सीएम गहलोत ने खुलासा किया कि उनकी सिफारिश पर ही सचिन पायलट यूपीए-2 में मंत्री बने थे। पायलट ने गहलोत के कटाक्ष का हिसाब बराबर करने के लिए खुलासा किया कि सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को मैंने जोधपुर से टिकट दिलवाया था। पार्टी आलाकमान वैभव गहलोत के टिकट देने के पक्ष में नहीं था। हालांकि, वैभव गहलोत के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।
कुछ लोग कुर्सी से चिपके रहते हैं
23 मार्च 2022 को सचिन पायलट ने सीएम गहलोत का नाम लिए बिना कहा- कुछ लोग कुर्सी से चिपके रहते हैं। जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में पायलट ने गहलोत का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कि कुछ लोग राजनीति में कुर्सी से चिपके रहते हैं। ऐसे लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते है। ठीक से काम नहीं कर पाते। अपने साथ वालों को साथ लेकर नहीं चल पाते। जयपुर के महारानी काॅलेज में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हुए पायलट ने कहा कि राजनीति में मैं काफी कम उम्र में आ गया था। लोगों को मौका नहीं दूंगा तथा उनका हाथ पकड़कर आगे नहीं बढ़ाऊंगा तो मेरा राजनीति में जल्दी आने का क्या फायदा?
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