जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) ने कहा है कि राज्य में (In the State) जिला और तहसील स्तर पर (At District and Tehsil Level) वार मेमोरियल (War Memorials) की स्थापना की जाए (Should be Established) । उन्होंने इसके लिए चरणबद्ध रूप कार्य करने और उन्हें इस तरह से तैयार किए जाने की आवश्यकता जताई जिससे लोगों में राष्ट्र भक्ति के भावों का संचार हो सके।
राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं और आश्रितों से सबंधित योजनाओं और निर्णयों पर संवेदनशीलता रखते हुए प्रस्ताव तैयार कर उन पर वित्त, कार्मिक और राज्य के अन्य विभागों द्वारा प्रभावी कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पूर्व सैनिकों की समस्याओं के प्रभावी निराकरण के लिए भी गंभीर होकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों में पूर्व सैनिकों से जुड़े भूमि संबंधित विवादों के निराकरण के लिए भी गंभीर होकर कार्य किए जाने के निर्देश दिए।
मिश्र गुरुवार को राजभवन में राज्य सैनिक बोर्ड की 16 वीं बैठक में संबोधित कर रहे थे। बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित बड़ी संख्या में सेना और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। राज्यपाल मिश्र ने बैठक में पूर्व सैनिकों के आश्रितों के नियोजन में आ रही समस्याओं के त्वरित निराकरण, पूर्व सैजिक कल्याण से संबंधित विभिन्न योजनाओं का व्यावहारिक परीक्षण करवाकर नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन, प्रस्ताव तैयार कर उन पर कार्यवाही करने और सैनिक कल्याण बोर्ड बैठक हर छह माह में कर लिए गए निर्णयों पर प्रभावी कार्यवाही किए जाने के लिए भी निर्देश दिए।
बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले ऐसे पूर्व सैनिकों एवं विधवाओं को जिन्हें अन्य किसी स्त्रोत से पेंशन नहीं मिल रही उनकी पेंशन वृद्धि, ऑपरेशन कैक्टस लिली के दौरान घायल परिवार के सदस्य के नियोजन, न्यायालय संबंधी प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण एवं मॉनिटरिंग, शहीद आश्रितों तथा शौर्य पदक धारकों को नियमानुसार भूमि आवंटन और नकद राशि दिए जाने, शहीद की वीरांगना तथा माता-पिता के साथ एक परिचायक (सहयोगी) को निशुल्क यात्रा आदि के प्रस्ताव तैयार कर उनकी व्यवहारिकता का परीक्षण कर कार्यवाही किए जाने पर सहमति जताई गई।
इससे पहले सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से भारतीय सैनिकों का मान सम्मान बढ़ा हैं। उन्होंने अग्निवीर योजना, वन रैंक वन रैंक पेंशन आदि को महती बताते हुए कहा कि राज्य सरकार स्तर पर भी इसी तर्ज पर सैनिक कल्याण के कार्य तेजी से किए जाएंगे। उन्होंने जिला और तहसील स्तर पर वार मेमोरियल बनाए जाने, वहां राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत करने वाले कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और सैनिक कल्याण कार्यों, समस्याओं के निदान में आधुनिकीकरण अपनाते हुए कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के एजुकेशन सर्टिफिकेट को मान्य किए जाने पर भी राज्य सरकार स्तर पर विचार कर कार्यवाही की जाएगी।
राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, आश्रितों और वीरांगनाओं की समस्याओं के समयबद्ध निराकरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समस्या निवारण के लिए बने “संपर्क पोर्टल” पर एक अलग खंड पूर्व सैनिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए हो ताकि पूर्व सैनिकों, आश्रितों और वीरांगनाओं से जुड़ी समस्याओं का समयबद्ध प्रभावी समाधान हो सके। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा समन्वय रखकर पूर्व सैनिक कल्याण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किए जाने पर भी जोर दिया।
बैठक में सैनिक कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार, परिवहन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा, वित्त सचिव नरेश ठकराल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साधिन मित्तल, मेजर जनरल आर. एस. गोदारा, अन्य प्रमुख सैन्य अधिकारी, राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने सैनिक कल्याण बोर्ड से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी। सैनिक कल्याण अधिकारी ब्रिगेडियर वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने बैठक में सैनिक कल्याण विभाग के बारे में विस्तार से प्रस्तुतिकरण देते हुए बिंदुवार कार्य प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी।
राज्यपाल मिश्र ने सिपाही से हवलदार रैंक की पूर्व सैनिकों की विधवाओं को उनकी दो पुत्रियों के विवाह हेतु केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि के अतिरिक्त 25 हजार रुपए अमलगमेटेड फंड से दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की है। राज्यपाल कलराज मिश्र की अध्यक्षता में गुरुवार को ही अमलगमेटेड फण्ड फॉर द बेनिफिट ऑफ एक्स-सर्विसमेन की 33 वीं बैठक भी राजभवन में आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने कहा कि अमलगमेटेड फण्ड का समुचित उपयोग पूर्व सैनिक कल्याण के लिए अधिकाधिक किया जाए। उन्होंने कहा कि नियमों के कारण कहीं बाधा आ रही है तो संशोधन की कार्यवाही कर सैनिक कल्याण कार्यों को गति दी जाए।
सैनिक विश्राम गृहों की अग्रिम राशि में वृद्धि, सैनिक विश्राम गृहों के नियमित कार्मिकों को सातवें वेतनमान के परिलाभ देने, सशस्त्र सेना झंडा दिवस की राशि में और बढ़ोतरी किए जाने, पूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए प्रदत्त विभिन्न आवश्यक व्यय आदि के संबंध में कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में अमलगमेटेड फण्ड के वास्तविक आय व्यय लेखा अनुमानित आय व्यय लेखा का अनुमोदन किया गया।
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