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    भारत में विकसित DNA वैक्सीन को बच्चों पर परीक्षण के लिए मिली हरी झंडी

  • September 29, 2021

    नई दिल्ली। स्वदेश में विकसित दुनिया की पहली एंटी कोरोना डीएनए वैक्सीन (anti corona DNA vaccine) की अब तीन के बजाय दो खुराक (2 Dose) से ही कोरोना(Corona) को हराने की तैयारी है। दवा कंपनी जायडस कैडिला (pharmaceutical company zydus cadilla) को केंद्र सरकार (Indian Government) ने दो खुराक वाली डीएनए वैक्सीन के परीक्षण की अनुमति (Two-dose DNA vaccine trial allowed) दे दी है।

    ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया Drug Controller General of India (CDSCO)की मंजूरी के बाद अब दवा कंपनी इस वैक्सीन के तीसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू करेगी। अगले दो से तीन माह में तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम आने के बाद दो खुराक वाली डीएनए वैक्सीन मरीजों के लिए उपलब्ध होने की संभावना है।



    हालांकि इस वैक्सीन की पहली खेप बाजार में आनी बाकी है, लेकिन इससे पहले ही दवा कंपनी ने वैक्सीन को तीन के बजाय दो खुराक में ही प्रभावी बनाने के लिए परीक्षण शुरू कर दिए हैं। दो खुराक वाली वैक्सीन के प्रभावी साबित होने तक कंपनी बाजार में तीन खुराक वाली वैक्सीन की ही सप्लाई करेगी।

    इसलिए पड़ी बदलाव की जरूरत
    सीडीएससीओ के अधीन विशेषज्ञ समिति (एसईसी) के एक सदस्य ने बताया कि अभी तक टीकाकरण में शामिल सभी वैक्सीन की दो खुराक ही दी जा रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि तीन खुराक वाली डीएनए वैक्सीन लेने में लोगों में हिचकिचाहट हो सकती है।

    इसी कारण कंपनी वैक्सीन की एक खुराक कम करने पर भी पर्याप्त प्रभावी बनाने पर काम कर रही है। तीसरे चरण के परीक्षण में यह पता चलेगा कि दो खुराक देने के बाद भी क्या 60 फीसदी से अधिक एंटीबॉडी विकसित हो पा रही हैं या नहीं।

    सीरम की प्रोटीन वैक्सीन के बच्चों पर परीक्षण को भी हरी झंडी
    रिलायंस, सीरम और भारत बायोटेक दवा कंपनियों को भी केंद्र सरकार ने कई अहम मंजूरी दी हैं। एसईसी सदस्य ने बताया कि पिछले सप्ताह 23 सितंबर को हुई बैठक में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने प्रोटीन तकनीक पर बन रही वैक्सीन का परीक्षण बच्चों में भी करने की अनुमति मांगी थी।

    समिति ने सीरम को सात से 11 साल तक की आयु के बच्चों पर इस वैक्सीन का परीक्षण करने की अनुमति दी है। रिलांयस कंपनी भी एक वैक्सीन पर काम शुरू कर चुकी है। पिछले महीने इस वैक्सीन पर पहले चरण के परीक्षण को मंजूरी दी गई थी। लेकिन कंपनी ने परीक्षण से जुड़े डिजाइन में बदलाव किया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

    रेबीज से निपटने की तकनीक पर भी बन रही कोरोना वैक्सीन
    एसईसी सदस्य के मुताबिक, कोवॉक्सिन टीका उतार चुकी स्वदेशी दवा कंपनी भारत बायोटेक रेबीज से बचाव वाली वैक्सीन की तकनीक पर भी कोरोना टीका बनाने का प्रयास कर रही है। कंपनी ने रेबीज वेक्टर पर आधारित कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है, जिसके प्री क्लिनिकल परिणाम देखने के बाद परीक्षण के पहले चरण की अनुमति देने का फैसला लिया गया है।

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