डेस्क: कर्नाटक में वक्फ प्रॉपर्टी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, यह दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. अब इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को विधानसभा में जानकारी दी. सीएम ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार उन मंदिरों को नहीं हटाएगी जो वक्फ संपत्तियों पर बने हैं, इसके साथ ही किसान जो जमीन जोत रहे हैं उन्हें वापस नहीं लेगी.
इस मामले में उन्होंने आगे कहा कि, अगर मंदिरों को नोटिस दिए गए हैं, तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वक्फ संपत्तियों के मुद्दे को हल करने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक समिति के गठन की घोषणा की है.
वक्फ बोर्ड की तरफ से किसानों, मंदिरों और कई अन्य व्यक्तियों को बेदखली नोटिस जारी करने के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वक्फ संपत्तियों पर मंदिर बनाए गए हैं, तो हम उन्हें नहीं हटाएंगे. मैं इसे बहुत स्पष्ट कर रहा हूं. यदि कोई नोटिस जारी किया गया है, तो उन्हें (नोटिस) वापस ले लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जैसे ही वक्फ का मुद्दा विधानसभा में भाजपा की तरफ से उठाया गया. वक्फ और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बी जेड ज़मीर अहमद खान ने स्पष्ट किया कि अगर किसानों और मंदिरों को नोटिस दिए गए हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने भी खान के बयान को दोहराया और कहा कि किसी भी किसान को उस जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा जिसे वे जोत रहे हैं.
भाजपा विधायक अरागा ज्ञानेंद्र ने मांग की कि सरकारी रिकॉर्ड में वक्फ की बताई गई संपत्तियों को भी हटाया जाना चाहिए, क्योंकि केवल नोटिस रद्द करने से उद्देश्य पूरा नहीं होगा. ज्ञानेंद्र ने कहा, ‘हम (बीजेपी) भी वक्फ संपत्तियों को बचाने का समर्थन करते हैं, लेकिन हमारा कहना है कि अब नोटिस क्यों दिए गए?
सिद्धारमैया ने जवाब देते हुए कहा कि स्थिति ऐसी थी कि संपत्तियों को बचाने की जरूरत थी और नोटिस दिया गया, क्योंकि इसके लिए एक केंद्रीय कानून है. स्पष्टीकरण अब आवश्यक था, क्योंकि उन्होंने बताया कि बीदर से विजयपुरा के भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा बीदर से एक मार्च निकाला गया था. इसके कारण ही नोटिस दिए गए थे.
बीजेपी के नेता आर. अशोक ने मांग को उचित ठहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के गृह जिले मैसूरु के कृष्णा राजा निर्वाचन क्षेत्र में 110 कुरुबा परिवार हैं, जो नोटिस के कारण दर-दर भटक रहे हैं. उन्होंने सिद्धरमैया को कई बार ज्ञापन सौंपे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मंत्री खान ने 2014 में भाजपा द्वारा घोषणापत्र में वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने का वादा किए जाने की याद दिलाई.
मुख्यमंत्री ने वक्फ संपत्तियों को बचाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में 1.10 लाख एकड़ वक्फ संपत्तियां थीं. जो अतिक्रमण और इनाम उन्मूलन अधिनियम जैसे कानून के विभिन्न प्रावधानों के कारण अब घटकर मात्र 20 हजार एकड़ रह गई हैं.
सीएम सिद्धारमैया ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘भाजपा में राजनीतिक विभाजन है, लेकिन मैं आपके आंतरिक मामले पर चर्चा नहीं करूंगा. उन्होंने भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और याद दिलाया कि राज्य में माहौल को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश के बावजूद भाजपा हाल ही में तीनों विधानसभा क्षेत्रों चन्नपटना, संदूर और शिगगांव में हुए उपचुनाव हार गई.
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