नई दिल्ली: पर्सनल लोन और होम लोन दोनों आजकल काफी कॉमन हो गए हैं. तत्काल पैसों की जरूरत हो तो हम पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं और अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. पर्सनल लोन हेल्थ इमेरजेंसी में भी काम आता है. हालांकि, अपने फाइनेंस पर बहुत अधिक दबाव डालने से बचने के लिए, आपको लोन री-पेमेंट पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है. आइये जानते हैं कम EMI पर आप कैसे पर्सनल लोन हासिल कर सकते हैं.
कई बार इस लोन की EMI के चलते लोगों का वित्तीय बजट गड़बड़ा जाता है. ऐसे में वह किसी तरह ईएमआई का बोझ कम करने के लिए विकल्प तलाशते हैं. हालांकि, ईएमआई के बोझ को कम करना संभव है और इसके लिए कई रास्ते भी है. आइये आपको बताते हैं आप अपनी ईएमआई का बोझ भी कम कर सकते हैं.
लोन लेने से पहले ब्याज और दूसरे चार्जेज की करें तुलना
पर्सनल लोन हो या होम लोन- लेने से पहले विभिन्न बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (NBFC) की ब्याज दरों की तुलना कर लीजिए. यह भी देखिए कि वह आपसे प्रोसेसिंग सहित दूसरे किस तरह के चार्जेज वसूल रहे हैं. विभिन्न वेबसाइट आपको ब्याज और चार्जेज की तुलना करने की सुविधा उठाते हैं.
उतना ही लोन लें, जितनी जरूरत हो
पर्सनल लोन लेते समय केवल उतना ही लोन लेना चाहिए जितनी आपकी जरूरत हो. अपनी वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करें और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कैलकुलेशन करें. अधिक उधार लेने से EMI बढ़ सकती है और अनावश्यक ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है.
प्री-पेमेंट व पार्ट पेमेंट का लें सहारा
अगर आपने पर्सनल लोन या होम लोन लिया है और उसकी ईएमआई का बोझ खत्म या कम करवाना चाहते हैं तो इसका सबसे बेहतरीन तरीका है प्री-पेमेंट और पार्ट-पेमेंट. प्री-पेमेंट आप लोन शुरू होने के जितने कम समय बाद करेंगे आपको उतना ही फायदा होगा. इन दोनों लोन के शुरुआती वर्षों में ही सबसे ज्यादा ब्याज जाता है. अगर पर्सनल लोन 3 साल का है और आप पहले साल में ही कुछ पैसे बचाकर पार्ट-पेमेंट करते हैं तो आपकी ईएमआई घट जाएगी और ब्याज का भुगतान भी घटेगा.
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