विश्व साइकिल दिवस आज
इन्दौर। कोरोना काल (corona period) के बाद शहर में साइकिल (cycle) विक्रेताओं के चल रहे गोल्डन पीरियड (golden period) में भले ही अब कमी आ गई हो, लेकिन आज भी कई हैं, जो विदेशी कंपनी ( foreign company) की लाखों की साइकिल के लिए दो से तीन महीने का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल इंदौर में 40 हजार से लेकर ढाई लाख तक की साइकिल पर वेटिंग (waiting) चल रही है।
कोरोना काल (corona period) के बाद इंदौर में लोगों के बीच साइकिल (cycle) चलाने को लेकर जागरूकता बढ़ी है। लंबे समय तक जिम (gym) बंद थे, तो कई लोगों ने अपनी सेहत बनाने के लिए साइकिल (cycle) चलाना शुरू कर दिया था। शहर के साइकिल विक्रेताओं (vendors) और डीलर्स (dealers) के मुताबिक, अब उस दौर के गुजरने के बाद बिक्री में 40 फीसदी की कमी आई है, लेकिन विदेशी कंपनी के कुछ साइकिल मॉडल्स की शहर में मांग ज्यादा रहती है। आज भी ताईवान की कंपनी (जाइंट) की एक साइकिल (cycle) के लिए शहर के साइकिल प्रेमी दो से तीन महीने का इंतजार कर रहे हैं। मांग के अनुरूप साइकिल (cycle) की सप्लाय धीमी है। ये कंपनी 35 हजार से 11 लाख तक की कीमत तक की साइकिल बनाती है। इंदौर के साइकिल (cycle) विक्रेता महेश कारड़ा ने बताया कि ना केवल ताईवान, बल्कि स्विट्जरलैंड की एक कंपनी (स्कॉट) की साइकिल की भी इंदौर में काफी मांग है। जाइंट के लिए फिलहाल दो से तीन महीने की वेटिंग चल रही है। लोगों ने 40 हजार से लेकर ढाई लाख तक की साइकिल (cycle) बुक की है। बिक्री कम जरूर हुई है, लेकिन शौकिया लोगों का वही जुनून बरकरार है।
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