खंडवा। खंडवा जिला अस्पताल (Khandwa District Hospital) की मरच्यूरी में एक मां का शव बीते तीन दिनों से अंतिम संस्कार (Funeral) के लिए अपने बेटे की राह तक रहा है, लेकिन कलयुगी पुत्र ने वक्त की कमी का हवाला देते हुए मां के अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। अपनों से दूर महिला का शव अंतिम वक्त में कफन के लिए तरस रहा है। खंडवा जिले की मोघट पुलिस (Moghat Police) चार दिन से लगातार बेटे और महिला के अन्य संबंधितों को फोन कर अंतिम संस्कार करने की बात कह रही है, लेकिन परिवार के लोग महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के यवतमाल जिले (Yavatmal district of Maharashtra) के वणी गांव में रहने वाली 55 वर्षीय पुष्पा पति जोगेंद्र सिंह 25 मई को अपनी बेटी निकिता (27), भतीजे अभिषेक (27) और भतीजी पिंकी (29) के साथ कार से ओंकारेश्वर की यात्रा पर निकली थीं। उनका भतीजा अभिषेक कार चला रहा था। बैतूल के देसली गांव के पास कार का स्टेयरिंग फेल हो गया और वह पलट गई। हादसे में पुष्पा, निकिता और पिंकी को गंभीर चोट आई। अभिषेक सुरक्षित था। अभिषेक लोगों की मदद से तीनों को खंडवा के जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। जहां पुष्पा को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। निकिता और पिंकी की हालत को देखते हुए उन्हें नागपुर के अस्पताल में रैफर कर दिया।
पुष्पा की मौत के बाद अभिषेक बिना पोस्टमार्टम कराए शव यहीं छोड़कर चला गया। तीन दिन से मोघट थाना टीआई ईश्वर सिंह चौहान पुष्पा के ससुराल पक्ष से लेकर तो बेटे सन्नी, भाई राकेश सिंह को भी फोन कर रहे हैं। लेकिन परिजन वक्त की कमी होने के चलते अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पा रहे हैं। पुष्पा के पति का निधन हो चुका है। परिवार में बेटा सन्नी, बेटी निकिता उर्फ निक्की और गुड़िया है। सभी की शादी हो चुकी है। पुष्पा अपनी बेटियों के साथ रहती थी।
सन्नी वणी में ही रहता है और वह ट्रेवल्स कंपनी में एजेंट है। मोघट पुलिस के अनुसार जब उन्होंने बेटे को फोन करके मां के अंतिम संस्कार के लिए खंडवा बुलाया तो उसने कहा कि मैं नहीं आ सकता। मुझे कोई मतलब नहीं। मेरे पास इतना समय नहीं है। पुष्पा के ससुर इंद्रजीत से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि मेरी काफी उम्र हो चुकी है। भाई राकेश का कहना है कि मैं अंतिम संस्कार के लिए आऊंगा। मेरा रिजर्वेशन नहीं हुआ था।
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