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    VVIP को मिलेगी IED खतरे से सुरक्षा, 45 करोड़ की लागत से खरीदे जाएंगे खास जैमर

  • July 28, 2022


    नई दिल्लीः अति विशिष्ट लोगों (VVIPs) को आईईडी जैसे बम धमाकों के खतरे से बचाने के लिए सीआरपीएफ को विशेष RCIED जैमर दिए जाएंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 45 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 10 जैमर खरीदने को मंजूरी दे दी है. खास तरह के वाहन पर लगे ये जैमर अपने आसपास के सैकड़ों मीटर इलाके में रिमोट से दागे जाने वाले आईईडी बमों को नाकाम कर सकते हैं. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आदि की सुरक्षा में पहले से इनका इस्तेमाल होता रहा है. अब अति संवेदनशील इलाकों में प्रमुख वीवीआईपी के दौरे के वक्त भी इन्हें तैनात किया जाएगा.

    आईईडी के बढ़ते खतरे को देखते हुए सीआरपीएफ ने वाहन पर लगने वाले रिमोट कंट्रोल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (RCIED) जैमर्स को खरीदने का प्रस्ताव दिया था, जिस पर हाल ही में होम मिनिस्ट्री ने मंजूरी की मुहर लगा दी है. इनमें से हरेक की लागत करीब 4.5 करोड़ रुपये होगी. ऐसे 10 जैमर खरीदे जाएंगे.

    सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा आदि जैसे सभी शीर्ष नेताओं, मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा संभालने वाली सीआरपीएफ के पास इस तरह के जैमर्स की भारी कमी है. ऐसे में उसे राज्यों की पुलिस पर निर्भर रहना पड़ता है. कई राज्यों के पास इस तरह के जैमर वाले वाहन हैं लेकिन केंद्र सरकार ने गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए राज्य पर निर्भर नहीं रहने का फैसला किया है.


    वीआईपी काफिले की सुरक्षा करेगा जैमर
    एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों को आधुनिक बनाने की प्रक्रिया के तहत पिछले साल अक्टूबर में इन जैमर्स को खरीदने का प्रस्ताव भेजा गया था. कुछ दिन पहले करीब 45.19 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इन जैमर्स को खरीदने की मंजूरी दे दी गई है. इन जैमरों का उपयोग अति संवेदनशील क्षेत्रों में वीवीआईपी की आवाजाही के दौरान किया जाएगा. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण वाहन पर लगने वाला जैमर है, जो काफिले की सुरक्षा के लिए आवश्यक है.

    कहां-कहां होगा इनका इस्तेमाल?
    सूत्रों के मुताबिक, इन जैमर्स का इस्तेमाल खासतौर से जम्मू-कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में वीवीआईपी को खतरे की आशंका को देखते हुए किया जाएगा. ऐसे इलाकों में भी इनका इस्तेमाल होगा, जहां पिछले कुछ महीनों में विस्फोटकों की बरामदगी के मामले बढ़े हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में आईईडी की बरामदगी में काफी बढ़ोतरी हुई है.

    कैसे काम करते हैं RCIED जैमर?
    ये जैमर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज यानी आईईडी से होने वाले विस्फोट के खतरों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण सिस्टम है. इसमें वाहन पर जैमर लगे होते हैं, जो आईईडी धमाका करने के लिए जरूरी रेडियो फ्रीक्वेंसी को ब्लॉक कर देते हैं और इस तरह से आईईडी ब्लास्ट नहीं हो पाता. ये कई सौ मीटर तक के इलाके को सुरक्षित कर सकते हैं. कई तरह के एंटीना लगे ऐसे वाहनों को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की आवाजाही के दौरान देखा जा सकता है.

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