नई दिल्ली (New Delhi) । वृंदावन (Vrindavan) के प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) का नाम आज के समय में हर कोई जानता है. साथ ही उनके सभी भक्तों को यह भी पता है कि महाराज जी किडनी की गंभीर बीमारी (severe kidney disease) से पीड़ित हैं. जिसके चलते हाल ही में उनकी तबीयत भी खराब हुई थी. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन से बीमारी है जिसकी वजह से महाराज जी की दोनों किडनी खराब हो गई.
वृंदावन के रहने वाले संत प्रेमानंद महाराज का नाम आज हर कोई जानता है इसके साथ ही उनसे मिले हर दिन हजारो की संख्या में भक्त उनके आश्रम के बाहर इंतजार करते हैं. महाराज जी अपने निवास से अपने आश्रम राधाकेली कुंज तक पैदल चल कर आते है इस दौरान रास्ते में भक्तों की भीड़ लगी रहती है. साथ ही सोशल मीडिया पर भी उनके काफी भक्त हैं.
वैसे तो महाराज जी के मुख पर हमेशा तेज और मुस्कुराहट रहती है. लेकिन जो भी भक्त उनका वीडियो देखता है वो जानता है कि महाराज जी किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं जिनमें उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी है. करीब 18 सालों से वह किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं.
दरअसल प्रेमानंद महाराज किडनी की बेहद खतरनाक बीमारी ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो यह बीमारी वंशागत होती है. यह बीमारी माता-पिता से बच्चों में आती है जिसमें किडनी का आकार बड़ा हो जाता है और किडनी में पानी जमा हो कर गाँठे बन जाती है जिससे धीरे धीरे किडनी काम करना बंद कर देती है.
इसी वजह से महाराज जी का हफ्ते में कई बार डायलेसिस भी किया जाता है. क्योंकि किडनी खराब होने की वजह से शरीर के अंदर का जमा हुआ पानी नहीं निकल पाता और महाराज जी की एक डायलिसिस करीब 4 घंटे तक चलती है.
इतनी गंभीर बीमारी के बाद भी महाराज हर दिन भक्तों के बीच पैदल चल कर आते है और उन्हें सत्संग सुनाते हैं, इतना ही नहीं उन्होंने तो अपनी किडनी का नाम भी रख लिया है एक वीडियो में बात करने के दौरान महाराज ने बताया कि उन्होंने अपनी एक किडनी का नाम राधा और दूसरी का कृष्ण रख लिया जिससे उन्हें लगता है कि भगवान का अंश उनके शरीर के अंदर ही है.
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