इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिए कल शुक्रवार (17 नवंबर) को वोटिंग (Voting) कराई जा रही है. सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) समेत कई अहम दलों की ओर से जोरदार तरीके से चुनाव प्रचार (Election Campaign) किया गया. प्रदेश में यह चुनाव बेहद खास होने वाला है क्योंकि कांग्रेस ने पिछले चुनावों की तुलना में इस बार बेहद आक्रामक तरीके से प्रचार किया है तो बीजेपी ने अप्रत्याशित तरीके से 3 केंद्रीय मंत्रियों और 4 सांसदों को भी मैदान में उतार दिया है. ऐसे में कई दिग्गजों के मैदान में उतरने से प्रदेश की सियासत में खासी गरमाहट आ गई है और ये सीटें हाई प्रोफाइल हो गई हैं. इस सीटों पर पेच फंसा हुआ है, ऐसे में सभी की नजर इन सीटों पर बनी हुई है.
आइए, एक नजर डालते हैं 230 सदस्यीय विधानसभा में उन 12 हाई प्रोफाइल सीटों पर जिसके चुनाव परिणामों पर सभी की नजर टिकी हुई है. बुढ़नी सीट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) चुनाव लड़ रहे हैं तो छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) अपनी चुनौती पेश कर रहे हैं. प्रदेश के इस बार के चुनाव में 3 केंद्रीय मंत्रियों (नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते) के साथ-साथ 4 सांसद (गणेश सिंह, रीति पाठक, राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह) भी अपनी चुनौती पेश कर रहे हैं.
इंदौर-1 सीट: कैलाश विजयवर्गीय Vs संजय शुक्ला
इंदौर जिला राजनीतिक रूप से बेहद अहम जिला रहा है. इस बार भी यह जिला राजनीतिक रूप से अहम हो गया है क्योंकि यहां से बीजेपी के अजेय नेता कैलाश विजयवर्गीय फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. 10 साल बाद कैलाश फिर से चुनाव मैदान में उतरे हैं तो कांग्रेस ने उनके सामने संजय शुक्ला को खड़ा किया है. कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में अलग-अलग सीटों से लगातार 6 बार चुनाव जीत चुके हैं.
राऊ सीट: जीतू पटवारी Vs मधु वर्मा
इंदौर जिले की राऊ विधानसभा सीट भी इस बार के चुनाव में सबके नजर में है. कांग्रेस ने अपने उभरते नेता जीतू पटवारी को मैदान में उतारा है तो बीजेपी ने मधु वर्मा को टिकट दिया है. जीतू पटवारी राऊ सीट से लगातार दो चुनाव जीत चुके हैं और उनकी नजर इस बार हैट्रिक पर है. जीतू पटवारी ने 2018 के चुनाव में 5,703 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.
बुढ़नी सीटः शिवराज Vs ‘हनुमान’
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पड़ने बुढ़नी विधानसभा सीट पिछले कई चुनावों की तरह इस बार भी सबसे अधिक चर्चित सीट है. बुढ़नी सीट से राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ रहे हैं. यह उनकी परंपरागत सीट है. कांग्रेस ने शिवराज सिंह के सामने विक्रम मस्ताल को मैदान में उतारा है. 2018 में शिवराज ने यहां से 58,999 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. विक्रम मस्ताल टीवी एक्टर रहे हैं और रामायण सीरियल में हनुमान का किरदार निभा चुके हैं.
छिंदवाड़ा सीट: कमलनाथ Vs विवेक
मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला कमलनाथ के राजनीतिक कर्मभूमि की वजह से जानी जाती है. कई बार छिंदवाड़ा संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से ही कांग्रेस के टिकट पर इस बार चुनाव लड़ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा है. 2018 के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार चौधरी चंद्रभान सिंह को दीपक सक्सेना के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. बाद में कमलनाथ के सीएम बनने के बाद दीपक सक्सेना ने इस सीट को छोड़ दिया और यहां पर हुए उपचुनाव में 25,837 मतों के अंतर से जीत मिली थी.
दिमनी सीट: तोमर Vs तोमर
मुरैना जिले की दिमनी सीट मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है, बीजेपी ने इस बार केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मैदान में उतार इस सीट को अचानक से चर्चा में ला दिया और यह हाई प्रोफाइल बन गई. नरेंद्र सिंह का मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक रविंद्र तोमर से है. हालांकि यहां पर चुनाव में बड़ा ट्विस्ट तब आ गया जब पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया ने भी अपनी चुनौती पेश कर दी. बलवीर दंडोतिया बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
लाहर सीटः गोविंद Vs अंबरीश
लाहर विधानसभा सीट मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पड़ती है. यह वह सीट है जहां पर बीजेपी को पिछले 38 सालों से हार का सामना करना पड़ रहा है. पिछले 10 विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हार मिली है. नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. गोविंद सिंह इस सीट से 7 बार से विधायक रहे हैं. वह 1990 से लगातार चुनाव जीतते चले आ रहे हैं. कांग्रेस से पहले गोविंद सिंह जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. गोविंद सिंह एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं और उनके सामने बीजेपी ने अंबरीश शर्मा को मैदान में उतारा है.
डबरा सीट: इमरती Vs सुरेश
ग्वालियर जिले में पड़ने वाली डबरा विधानसभा सीट एक बार फिर इमरती देवी की वजह से चर्चा में है. 2008 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हो गई. इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. बीजेपी ने डबरा सीट से एक बार फिर इमरती देवी को उतारा है तो कांग्रेस ने सुरेश राजे को टिकट दिया है. जबकि 2020 में प्रदेश में हुए दलबदल के बाद उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली इमरती देवी को कांग्रेस के हाथों हार मिली थी. अब देखना होगा कि क्या इस बार इमरती देवी पिछली हार का बदला ले पाएंगी.
दतिया सीट: नरोत्तम मिश्रा Vs राजेंद्र भारती
दतिया विधानसभा सीट से दतिया जिले में पड़ती है और यह प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की सीट के रूप में जानी जाती है. नरोत्तम मिश्रा एक बार फिर से बीजेपी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि कांग्रेस ने राजेंद्र भारती को मैदान में उतारा है. 2018 में नरोत्तम मिश्रा ने कड़े मुकाबले में 2,656 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.
राघौगढ़ सीट: जयवर्द्धन Vs हीरेंद्र
गुना जिले की राघौगढ़ विधानसभा सीट प्रदेश की बेहद चर्चित सीटों में गिनी जाती है. यहां से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजिय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं तो उनके सामने बीजेपी ने हीरेंद्र सिंह बंटी बन्ना को मैदान में उतारा है. इस सीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी 2003 के चुनाव में हार मिल चुकी थी. जयवर्धन सिंह ने 2018 के चुनाव में 46,697 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.
निवास सीट: फग्गन सिंह कुलस्ते Vs चैन सिंह
मंडला जिले के तहत पड़ने वाली निवास विधानसभा सीट पर प्रदेश की चंद चर्चित सीटों में से एक है. वजह है कि इस सीट से भी केंद्रीय मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित निवास विधानसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मैदान में हैं तो उनके सामने कांग्रेस ने चैन सिंह वारकाडे को मैदान में उतारा है. 2018 में सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी.
सीधी सीट: रिती पाठक Vs केदारनाथ
प्रदेश के सीधी जिले की सीधी विधानसभा सीट पर एक सांसद चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी ने सीधी सीट से रिती पाठक को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस की ओर से ज्ञान सिंह अपनी चुनौती पेश कर रहे हैं. 2014 और 2019 में लोकसभा का चुनाव जीत चुकीं रीति पाठक पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी ने अपने विधायक केदारनाथ शुक्ला का यहां से टिकट काट दिया.
नरसिंहपुर सीट: प्रहलाद सिंह पटेल Vs लखन सिंह पटेल
नरसिंहपुर जिले की नरसिंहपुर विधानसभा सीट भी चर्चित सीटों में शुमार है. बीजेपी ने वर्तमान विधायक जालम सिंह पटेल का टिकट काटकर उनके बड़े भाई और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को मैदान में उतारा है. केंद्रीय मंत्री के जवाब में कांग्रेस ने लखन सिंह पटेल को टिकट दिया है. जालम सिंह पटेल यहां से लगातार 2 बार से चुनाव जीत रहे थे, अब उनके बड़े भाई यहां से चुनाव लड़ रहे हैं.
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