• img-fluid

    दूसरे चरण में UP की इन आठ सीटों पर हो रहा मतदान, यहां आसान नहीं भाजपा की राह

  • April 26, 2024

    नई दिल्ली (New Delhi)। आज को यूपी (UP) की आठ सीटों (Voting in eight seats) – अमरोहा (Amroha), मेरठ (Meerut), बागपत (Baghpat), गाजियाबाद (Ghaziabad), गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar), बुलंदशहर (Bulandshahr), अलीगढ़ (Aligarh) और मथुरा (Mathura) में मतदान हो रहा है. टीवी के राम अरुण गोविल (Arun Govil) और मंच की मीरा हेमा मालिनी (Hema Malini) के भविष्य का फैसला भी शुक्रवार को हो जाएगा. पहले चरण में जिस तरह की वोटिंग हुई है जाहिर है कि बीजेपी के माथे पर चिंता की लकीरें हैं. इसलिए पार्टी वोटिंग को लेकर खास सतर्क हो गई है. कहा जा रहा है कि यूपी की इन सीटों की कमान खुद गृहमंत्री अमित शाह ने स्वयं संभाल ली है. पर पश्चिमी यूपी की इन सीटों पर जिस तरह का माहौल बना हुआ उससे यही लगता है कि चुनाव का दूसरा चरण भी बीजेपी के लिए खुशी नहीं देने वाला है. इसके पीछे ये 5 चैलेंज बीजेपी को खाए जा रहे हैं।


    1- गर्मी बन गई बीजेपी के लिए खलनायक
    पहले चरण के दौरान यूपी की आठ सीटों पर मात्र 60.25 फीसदी वोटिंग होना बीजेपी के लिए चिंता का विषय था. दरअसल कहा जाता है कि कम वोटिंग होने से हमेशा बीजेपी को नुकसान होता रहा है. शायद यही कारण है कि बीजेपी हर बूथ पर सक्रियता बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. दूसरे चरण के लिए नई रणनीति पर काम शुरू किया गया है. पन्ना प्रमुखों को हर बूथ से वोटर्स को निकालने का टारगेट दिया गया है. एक पन्ना प्रमुख 60 वोट घर से निकलने की जिम्मेदारी निभाएगा. इस काम के लिए यूपी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के साथ संगठन के पदाधिकारियों को हर जिले में जिम्मा दिया गया है. जाहिर है कि वेस्ट यूपी में जिस तरह हर सीट पर कांटे की टक्कर है उसमें एक-एक वोट की कीमत है. इस बीच पिछले चरण के चुनाव के मुकाबले गर्मी और बढ़ गई है. अगर शुक्रवार को सूरज अपने ताप पर रहता है तो बीजेपी के वोटर्स लापरवाही कर सकते हैं।

    2-राजपूत वोटों की नाराजगी
    दो बार के सांसद जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह को टिकट देने से इनकार करने के बाद भाजपा यहां प्रतिनिधित्व को लेकर क्षत्रियों के गुस्से का शिकार है. गुजरात में बीजेपी नेता रुपाला के बयान के चलते ठाकुरों ने नाराज होकर कई जगहों पर राजपूत सम्मेलन किए हैं. राजपूत बिरादरी को कसम खिलाई गई है कि बीजेपी को वोट नहीं देना है. कोढ़ पर खाज यह है कि गाजियाबाद, नोएडा में बीएसपी ने राजपूत उम्मीदवार उतार दिए हैं. जबकि भाजपा ने गाजियाबाद में वैश्य अतुल गर्ग को मैदान में उतारा है, वहीं बसपा के उम्मीदवार नंद किशोर पुंडीर ठाकुर हैं और कांग्रेस के उम्मीदवार डॉली शर्मा ब्राह्मण. नोएडा में बीजेपी के उम्मीदवार पूर्व मंत्री और दो बार के सांसद महेश शर्मा भाजपा के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके मुकाबले सपा के डॉ. महेंद्र नागर, एक गुर्जर और बसपा के पूर्व विधायक राजेंद्र सोलंकी राजपूत हैं. नोएडा के पत्रकार विनोद शर्मा कहते हैं कि फिलहाल इन दोनों सीटों गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में बीजेपी बहुत मजबूत स्थित में है इसलिए राजपूतों की नाराजगी का असर शायद न पड़े पर पश्चिम यूपी की अन्य सीटों पर जहां बीजेपी कमजोर है वहां पार्टी की बैंड बजा सकते हैं राजपूत।

    3- लोकल मुद्दे हावी
    बीजेपी चाहती है कि लोकसभा चुनावों में वोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट पड़े तो बीजेपी को फायदा हो सकता है. पर विपक्ष ने वेस्ट यूपी के इन सीटों पर माहौल को स्‍थानीय बना दिया है. स्थानीय मुद्दों के हावी होने के चलते बीजेपी को काफी वोटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. बहुजन समाज पार्टी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश को राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठा दिया है. इसके साथ ही मेरठ, बागपत, बुलन्दशहर सीटों पर गन्ने की कीमतें और उनका समय पर भुगतान, आवारा जानवरों की समस्या, बढ़ती कीमतें और बंद फैक्ट्रियां जैसे मुद्दे छाए गए हैं. मथुरा में यमुना की सफाई और धार्मिक पर्यटन के विकास तथा नये उद्योगों की स्थापना का मुद्दों पर जनता वोट देने की बात कर रही है. गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर मतदाताओं के पास फ्लैटों की रजिस्ट्री, भूमि अधिग्रहण और मुआवजा मिलने में देरी जैसे मुद्दे हावी हैं।

    4-बीएसपी ने फंसा दिया पेंच
    आम तौर पर यह कहा जाता रहा है कि बीएसपी यूपी में बीजेपी की बी टीम के तौर पर काम कर रही है. पर इन लोकसभा चुनावों में बीजेपी का सबसे अधिक नुकसान बीएसपी ही कर रही है. बीएसपी ने चुन चुन कर ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं जो बीजेपी के लिए भारी पड़ने वाले हैं. गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में राजपूतों की बीजेपी से नाराजगी को देखते हुए बीएसपी ने इन दोनों जगहों पर राजपूत उम्मीदवार उतार दिए हैं. मेरठ लोकसभा सीट पर बीजेपी से अरुण गोविल मैदान में है,तो बसपा से देवव्रत त्यागी किस्मत आजमा रहे हैं. यहां भी त्यागी प्रत्याशी के चलते बीजेपी कमजोर हो रही है. अलीगढ में बीजेपी ने यहां वर्तमान सांसद सतीश गौतम को उतारा है. बीएसपी ने बीजेपी से ही आए हितेंद्र कुमार को टिकट दिया है जो ब्राह्मण हैं. इसी तरह मथुरा लोकसभा सीट जहां से से लगातार दो बार फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी चुनाव जीत रही हैं. बीजेपी ने उन्हें फिर चुनावी मैदान में उतारा है. बहुजन समाज पार्टी ने यहां जाट बिरादरी से आने वाले आईआरएस रहे सुरेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है. जाहिर है कि मथुरा सीट पर जाटों का वोट कटना तय है।

    Share:

    अखिलेश यादव के पास नहीं है खुद का कोई वाहन, सालाना कमाई 84 लाख, 74 लाख का कर्ज भी

    Fri Apr 26 , 2024
    कन्‍नौज (Kannauj) । सपा अध्यक्ष (SP President) व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर 74 लाख रुपये से अधिक का बैंक कर्ज (bank loan) है, उनकी पत्नी डिंपल पर भी 25 लाख का कर्ज है। अखिलेश के पास न तो खुद का कोई वाहन है और न ही कोई लाइसेंसी हथियार। उन पर तीन […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved