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    5 राज्यों में 27 मार्च से मतदान , 2 मई को आएंगे परिणाम

  • February 26, 2021

    नई दिल्‍ली। देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया जा रहा है। इसे लेकर चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता हो रही है। बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में चुनाव होने हैं।असम में तीन चरणों में (27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल) चुनाव होंगे तो केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में छह अप्रैल को एक ही चरण में मतदान होगा। वहीं, बंगाल में आठ चरणों में चुनाव होगा। बता दें कि पांच राज्यों में से एक असम में भाजपा की सरकार है। वहीं, पुडुचेरी में पिछले हफ्ते कांग्रेस की सरकार गिरने से वहां राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। इन चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। सभी राज्यों में मतगणना एक साथ दो मई को होगी।

    बंगाल में आठ चरणों में होगा चुनाव
    पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होगा। पिछले विधानसभा में सात चरण थे। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर होगा। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर होगा। तीसरे चरण का चुनाव छह अप्रैल को 31 विधानसभा सीटों पर होगा। चौथे चरण का मतदान 10 अप्रैल को 44 विधानसभा सीटों पर होगा। पांचवें चरण का मतदान 17 अप्रैल को 44 विधानसभा सीटों पर होगा। छठे चरण में 22 अप्रैल को 43 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। सातवें चरण में 26 अप्रैल को 36 विधानसभा सीटों पर और अंतिम व आठवें चरण में 29 अप्रैल को 35 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा।

    केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 6 अप्रैल को चुनाव
    केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 6 अप्रैल को सभी सीटों पर चुनाव होंगे। केरल की छह खाली संसदीय सीटों पर चुनाव भी 6 अप्रैल को आयोजित कराया जाएगा।

    असम में तीन चरणों में होगा चुनाव
    असम में तीन चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा। नामांकन की अंतिम तारीख नौ मार्च और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 10 मार्च रहेगी। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को 39 सीटों पर होगा। नामांकन की अंतिम तारीख 12 मार्च और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 17 मार्च रखी गई है। तीसरे चरण में छह अप्रैल को 40 सीटों पर मतदान होगा। नामांकन की अंतिम तारीख 19 मार्च और नामांकन वापसी 22 मार्च तक होगी।

    बढ़ाई गई है मतदान केंद्रों की संख्या
    अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी राज्यों में लगभग 30 फीसदी मतदान केंद्र बढ़ा दिए गए हैं। चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। संवेदनशील केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी।

    सभी चुनाव अधिकारियों को लगेगी वैक्सीन
    मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि सभी चुनाव अधिकारियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग के अधिकारियों को चुनाव से पहले वैक्सीन लगाई जाएगी और इस दौरान कोरोना दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।

    मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा, डोर-टू-डोर प्रचार की इजाजत
    सुनील अरोड़ा ने कहा कि उम्मीदवार को प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन की इजाजत होगी। लेकिन, इसमें उम्मीदवार को मिलाकर पांच से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव की तरह ही इन चुनावों में भी मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा। उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा होगी।

    सीएपीएफ बल की होगी तैनाती
    मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान पर्याप्त सीएपीएफ बल तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। सभी महत्वपूर्ण, संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान की गई है और पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ की तैनाती की जाएगी।

    कहां कितनी सीटें, आरक्षण की स्थिति
    सुनील अरोड़ा ने कहा कि असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। यहां 126 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लिए आठ, अनुसूचित जनजाति के लिए 16 सीटें हैं। बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को समाप्त होगा। यहां 294 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति की 68 और अनुसूचित जनजाति की 16 सीट हैं। पुडुचेरी में 140 विधानसभा सीट हैं। इनमें अनुसूचित जाति की 30 और अनुसूचित जनजाति की पांच सीट हैं। वहीं, केरल विधानसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा होगा। यहां की 140 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति की 14 और अनुसूचित जनजाति की दो सीट हैं। 234 सीट वाली तमिलनाडु विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को पूरा होगा। इसमें अनुसूचित जाति की 44 और अनुसूचित जनजाति की दो सीट हैं।

    पश्चिम बंगाल में टीएमसी के पास हैं 209 विधायक
    पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटे हैं। इसमें से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पास 209 विधायक हैं। भाजपा के पास 27, कांग्रेस के पास 23, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कसिस्ट) के पास 19, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के पास दो, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के पास दो, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के पास दो सीटे हैं। वहीं 10 सीटें खाली पड़ी हुई हैं।

    केरल में एलडीएफ के पास हैं 91 विधायक
    केरल में विधानसभा की 141 सीटे हैं। इसमें से 140 निर्वाचित और एक सीट नामित होती है। वर्तमान में यहां पिनराई विजयन के नेतृत्व में लेफ्ट की सरकार है। यहां सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के पास 91 विधायक हैं। वहीं यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के पास 43, एनडीए के पास एक और केरल जनपक्षम सेक्युलर (केजेएस) के पास एक सीट है। इसके अलावा चार सीटें खाली हैं।

    तमिलनाडु में एआईएडीएमके पास हैं 124 विधायक
    तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटे हैं। इसमें सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मनेत्र कड़घम (एआईएडीएमके) के पास 124 विधायक हैं। वहीं द्रविड़ मुनेत्र कड़घम (डीएमके) के पास 97, कांग्रेस के पास सात, इंडियन मुस्लिम लीग को पास एक और अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़घम के पास एक सीट है। इसके अलावा चार सीट खाली हैं। वर्तमान में ईडापड्डी पलानीस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

    असम में भाजपा के पास हैं 60 विधायक
    असम में विधानसभा की 126 सीटे हैं। इसमें सत्तारूढ़ भाजपा के पास 60 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के पास 19, असम गण परिषद के पास 13, ऑल इंडिया यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास 14, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के पास 11 और निर्दलीय के पास एक सीट है। वहीं आठ सीटें खाली हैं। वर्तमान में राज्य का कार्यभार मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल संभाल रहे हैं।

    पुडुचेरी में हैं विधानसभा की 33 सीटें
    पुडुचेरी में पिछले हफ्ते कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। इससे पहले यहां वी नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन की सरकार थी। इस केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में 30 सदस्य निर्वाचित होते हैं जबकि तीन नामित किए जाते हैं। विधानसभा भंग होने से पहले यहां कांग्रेस के 15 विधायक थे। वहीं आल इंडिया एनआर कांग्रेस के पास आठ, एआईएडीएमके के पास चार, डीएमके के पास दो और निर्दलीय के पास एक सीट थी। वहीं भाजपा के तीन नामित सदस्य थे।

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