केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया मुहिम को आगे बढ़ाने के साथ-साथ लोगों का डेटा सुरक्षित रखने के लिए आधार और वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने को अनिवार्य करने जा रही है। यानि अब पैन कार्ड के बाद वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने की तैयारी की जा रही है, हालांकि इससे पहले भी कई वोटरआईडी को आधार से जोड़ा गया है, लेकिन इस प्रोजेक्टर को ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन एक बार फिर से सख्ती से लागू करने प्लान बना लिया गया है।
बता दें कि डिजिटल इंडिया के तहत फर्जी लोग जैसे कि एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र वालों को ट्रैक करने के लिए वोटर आईडी कार्ड को बायोमेट्रिक्स सक्षम आधार कार्ड से जोड़ने से काफी हद तक फर्जीवाड़े को रोका जा सकता है। सरकार ने नागरिकों को आधार आईडी में मतदाता पहचान पत्र या निर्वाचक का फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) लिंक करने की सुविधा दी है। अधिकारी अब एक ही व्यक्ति के नाम पर जारी फर्जी या एक से अधिक वोटर आईडी कार्ड का निराकरण करने में सक्षम हैं।
कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने के बाद अब इस बिल को संसद में पेश किया जा सकता है। सरकार ने इस बिल को संसद के दोनों सदनों में पारित कराने के लिए पर्याप्त संख्याबल का जुगाड़ भी कर लिया है। इस क्रांतिकारी कदम के बाद सरकार की जिम्मेदारी यह भी बढ़ गई है कि अब आधारकार्ड की सिक्योरिटी को और अधिक बढ़ाया जाए ताकि फर्जी या डुप्लिकेट आधार कार्ड न बनाए जा सकें। आधार की सिक्योरिटी को फूल प्रूफ बनाने के लिए सरकार ने कड़े नियम बनाने जा रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved