भोपाल। हमीदिया और जेपी अस्पताल में उल्टी,दस्त, बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। हालात यह है कि मेडिसिन वार्ड की ओपीडी फुल चल रही है और वार्ड में भी मरीज भर्ती अधिक हो रहे हैं। दोनों अस्पताल की मेडिसिन की ओपीडी में सैकड़ों मरीज इलाज लेने पहुंच रहे हैं। मेडिसिन विभाग में भर्ती की संख्या भी अधिक है। वार्ड में बेड लगभग फुल हो चुके हैं ।
चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी के बाद बाद बारिश आने से पहले आसमान में बादल छा जाते हैं। बारिश न होने से उमस भरी गर्मी पैदा होती हैं, जिसके चलते लोगों के शरीर से पसीना अधिक मात्रा में निकलता है। इससे शरीर की मासपेशियों में सोडियम की कमी आने लगती है और शरीर शिथिल पडऩे लगता है। मासपेशियों में ऊर्जा का संचार कम होने से वह शरीर को चलायमान रखने में असहज होती है। जिसके चलते शरीर में दर्द की शिकायत बढऩे लगती है। हालांकि जब बारिश होने पर ठंडक आ जाती है तो नमी के कारण लोगों को दर्द की शिकायत होती है। खासकर यह परेशानी उन मरीजों को होती है जिन्हें पहले से नसों की बीमारी या स्पाइनल, रेडीकुलर, दिमाग में दर्द की शिकायत होती है, मल्टीपल बीमारी के जो लोग शिकार होते हैं उन्हें परेशानी अधिक आती है। मौसमी बीमारियों के चलते लोग बीमार पड़ रहे हैं। बच्चे व बड़ों को बुखार, उल्टी,दस्त, डायरिया की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन इस मौसम में लोग सबसे अधिक परेशान हाथ पैर के दर्द से हो रहे हैं। जिसको लेकर वह जेएएच की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। बदन दर्द की शिकायत लेकर सबसे अधिक न्यूरोलाजिस्ट व मेडिसिन की ओपीडी में पहुंच रहे हैं।
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