मॉस्को। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तरह ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी दुनिया में सर्वोसर्वा बनने वाले नेताओं की होड़ में शामिल हैं। पुतिन ने मंगलवार को एक ऐसा कानून पारित किया जिससे वह कानून के ऊपर हो जाएंगे। यह बिल देश के राष्ट्रपतियों को पद से हटने के बाद भी आजीवन आपराधिक मामलों से बचाएगा। नए कानून के तहत रूस के पूर्व राष्ट्रपतिओं के साथ ही उनके परिवार के लोग भी पुलिस जांच और पूछताछ के दायरे में नहीं रहेंगे। कानून के जरिए अब राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी वह शख्स आजीवन सीनेटर रहेगा और उसे हर तरह के आपराधिक मामले से प्रतिरक्षा हासिल होगी।
नया कानून पूर्व राष्ट्रपतियों और उनके परिवारों से पुलिस या जांचकर्ताओं की पूछताछ, तलाशी या गिरफ्तारी सबसे छूट देता है। यह कानून इसी साल गर्मियों में जनमत संग्रह के बाद हुए उस संविधान संशोधन का हिस्सा है जिसके तहत पुतिन साल 2036 तक देश तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। इस कानून से पहले पूर्व राष्ट्रपतियों को उन आपराधिक मामलों से छूट थी जो उनके कार्यकाल के दौरान दर्ज किए गए हों। बता दें कि पुतिन पुतिन साल 2000 से ही रूस की सत्ता में हैं।
नए कानून के तहत देशद्रोह या अन्य गंभीर अपराधों के आरोपों और उच्चतम और संवैधानिक अदालतों द्वारा आरोपों की पुष्टि होने पर एक पूर्व राष्ट्रपति को मिली यह प्रतिरक्षा छिन सकती है लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी जटिल बना दी गई है। मंगलवार को पुतिन ने जिस बिल पर हस्ताक्षर किए हैं वह पूर्व राष्ट्रपतियों को फेडरेशन काउंसिल या सीनेट में आजीवन सदस्यता देता है, यानी एक ऐसा पद जो राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी मुकदमों से छूट देगा। बीते महीने इस बिल के लंबित होने की वजह से यह कयास लगाए जा रहे थे कि खराब स्वास्थ्य के कारण पुतिन इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि, इन कयासों को क्रेमलिन ने बेबुनियाद बताया था।
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