नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024)को लेकर इन दिनों बात-बात पर राजनीति हो रही है। चुनाव (Election)के चलते चारों तरफ सियासी माहौल (political environment)है। कोई एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहा है तो कोई जनसभा के दौरान अभद्र टिप्पणी करता नजर आ रहा है। ऐसे ही एक मामले ने इन दिनों राजनीति ही नहीं बॉलीवुड में भी बवाल मचा रखा है। दरअसल, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने हेमा मालिनी पर एक ऐसी अभद्र टिप्पणी की जिसके बाद हर कोई उनकी निंदा करता नजर आ रहा है। पहले हिमाचल के मंडी से भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने रणदीप सुरजेवाला पर निशाना साधा अब बॉलीवुड निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने एक्स ट्विटर पर एक ट्वीट शेयर किया है। विवेक का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में बना हुआ है।
विवेक ने कसा तंज
बॉलीवुड निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने एक्स ट्विटर पर एक ट्वीट शेयर किया है। इस ट्वीट में भले ही विवेक में भले ही अपने इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिखा हो, लेकिन इस पोस्ट को देखकर लोग इसे हेमा मालिनी के समर्थन में मान रहे हैं। विवेक ने लिखा, ‘राजनीति की इस बुरी दुनिया में मजबूती से खड़ी कोई भी महिला और कोई भी महिला पार्टी अत्यधिक सम्मान और समर्थन की हकदार है।’ विवेक का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट पर लोग कमेंट कर अपने रिएक्शन दे रहे हैं।
कंगना ने भी किया विरोध
विवेक अग्निहोत्री से पहले कंगना रनौत ने भी आज तक डॉट कॉम से बात करते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला पर जमकर भड़ास निकाली। कंगना ने कहा, ‘इस बात को अब किस नजर से देखा जाए। वो अगर जवान महिला को देखते हैं तो उसके अंगों को लेकर कमेंट करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ एक 75 साल की सीनियर एक्ट्रेस, जो एक क्लासिकल भरतनाट्यम की डांसर हैं, उन्हें नचनिया और नाचनेवाली कहते हैं। इस तरह के भद्दे अपशब्द कहते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। लोग आज एक बुजुर्ग महिला को भी नहीं छोड़ते हैं। आखिर ये लोग क्या चाहते हैं कि महिलाएं किस तरह से रहें। वो अपनी कब्र खोदकर उसमें गड़ जाएं तो ही बेहतर होगा?’
कंगना ने ट्वीटर पर भी निकाली थी भड़ास
कंगना रनौत ने हाल ही में एक एक्स ट्विटर पर रणदीप सिंह सुरजेवाला का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, ‘बात मोहब्बत की दुकान खोलने की हुई थी लेकिन कांग्रेस नफरत की दुकान खोल बैठी है। महिलाओं के प्रति गिरी हुई सोच रखने वाले कांग्रेस के नेता अवश्यंभावी हार की हताशा और कुंठा में अपने चरित्र का दिन- ब-दिन पतन कर रहे हैं।’ इस पर भी लोगों के जमकर रिएक्शन आए थे।
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