नई दिल्ली: फिल्म मेकर विवेक अग्नीहोत्री ने हाल ही में अनुराग कश्यप के द कश्मीर फाइल्स को लेकर ऑस्कर वाले कमेंट पर रिएक्ट किया था. अब विवेक ने एक बड़ा लंबा चौड़ा नोट ट्विटर पर शेयर किया है, और उसे बॉलीवुड की इनसाइड स्टोरी बताया है. विवेक के मुताबिक बॉलीवुड के अंदर की दुनिया इतनी डार्क है कि आम आदमी उसकी गहराई नहीं माप सकता है.
बॉलीवुड का काला सच
विवेक ने लिखा, ”मैंने इस बॉलीवुड की दुनिया में इतने साल बिता लिए हैं कि अच्छे से समझ गया हूं, जो आप देख रहे हैं वो बॉलीवुड नहीं है. असली बॉलीवुड इसके अंधेरे गलियारों में गुम हो गया है. इसका अंदरूनी भाग इतना काला है कि एक आम आदमी के लिए समझ पाना असंभव है. आइए इसे समझते हैं. इन अंधेरी गलियों में, आप टूटे हुए सपने, कुचले हुए सपने, दबे हुए सपने पा सकते हैं. बॉलीवुड अगर कहानियों का म्यूजियम है तो यह टैलेंट का कब्रिस्तान भी है. यह नकारे जाने के बारे में नहीं है. जो कोई भी यहां आता है, वह जानता है कि नकारा जाना इस डील का हिस्सा है.”
विवेक आगे लिखते हैं- ”यह अपमान और शोषण है जो किसी भी तरह की मानवता में कोमल सपनों, आशाओं और विश्वास को तोड़ देता है. इंसान भोजन के बिना जिंदा रह सकता है लेकिन सम्मान, आत्म-मूल्य और आशा के बिना जीना नामुमकिन है. कोई भी मिडल-क्लास यूथ उस स्थिति में होने की कल्पना करके कभी बड़ा नहीं हुआ. इसकी मार इतनी जोर से पड़ती है कि कोई लड़ाई करने के बजाय हार मान लेता है. भाग्यशाली हैं वे जो घर वापस जाते हैं. जो रह जाते हैं, अलग हो जाते हैं. जो लोग कुछ सफलता पाते हैं लेकिन उन्हें भी असली की नहीं मिलती है.”
सेलेब्स को लगती ड्रग्स की लत
विवेक ने तथाकथिक बॉलीवुड का सच बताते हुए आगे लिखा- ”वे ड्रग्स, शराब और हर तरह की जीवन को तहस नहस करने वाली चीजों में शामिल हो जाते हैं. अब उन्हें पैसे की जरूरत है. इसलिए, उन्हें हर तरह के मजेदार चीजों से इंट्रोड्यूस कराया जाता है, जिससे और पैसे कमा सके. कुछ सफलता सबसे खतरनाक होती है. आप बिना किसी इनकम और शक्ति के शोबिज की दुनिया में हैं. आपको स्टार की तरह दिखना है, स्टार की तरह पार्टी करना है, स्टार की तरह पीआर करना है लेकिन आप स्टार नहीं हैं.”
जाहिर तौर पर विवेक के मुताबिक बॉलीलुड की दुनिया में सिर्फ और सिर्फ झूठ और दिखावा फैला हुआ है. हर कोई अपने मतलब से काम कर रहा है. किसी को किसी से मतलब नहीं है. विवेक ने तो अपने मन की बात कह दी है, अब देखना होगा कि ये चिट्ठी किस तक कैसे पहुंचती है. विवेक के इस नोट का क्या मतलब निकाला जाता है और किससे क्या रिप्लाई आता है. कहीं विवेक का ये नोट एक नया विवाद ना खड़ा कर दे.
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