Vivah Panchami 2021: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन विवाह पंचमी पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन सीता (Sita) स्वंयवर और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) का विवाह हुआ था. आज का दिन हिन्दू धर्म (Hindu religion) में बहुत शुभ माना जाता हे. भगवान राम चेतना के प्रतीक हैं और माता सीता प्रकृति शक्ति की. इसलिए चेतना और प्रकृति का मिलन होने से यह दिन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.
विवाह पंचमी पर मिलेगा वरदान
अगर विवाह होने में बाधा आ रही हो तो वो समस्या दूर हो जाती है. मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है. वैवाहिक जीवन (married life) की समस्याओं का अंत भी हो जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाओं का नाश होता है. इस दिन बालकाण्ड (balkand) में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है. इस दिन सम्पूर्ण रामचरित-मानस (Ramcharitmanas) का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है.
विधि विधान से कराये राम और माता सीता का विवाह?
प्रातः काल स्नान करके श्री राम विवाह का संकल्प लें. स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरम्भ करें. भगवान राम और माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें. भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें या तो इनके समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या “ॐ जानकीवल्लभाय नमः” का जप करें. इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें. उनकी आरती करें. इसके बाद गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें.
विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त
विवाह पंचमी मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष तिथि 07 दिसंबर रात 11 बजकर 40 मिनट से प्रारंभ होकर 8 दिसंबर को रात 9 बजकर 25 मिनट तक रहेगी.
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