भोपाल। बहु प्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक परियोजना का खाका खींचने आज राष्ट्रीय जल अभिकरण की सात सदस्यीय टीम झांसी पहुंचेगी। टीम की अगुवाई महानिदेशक भोपाल सिंह करेंगे। महानिदेशक भोपाल सिंह को ही केन-बेतवा लिंक परियोजना के कार्यकारी सीईओ की कमान दी गई है। टीम यहां पहुंचकर मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के बीच जल प्रबंधन समेत दोनों प्रदेशों के प्रशासनिक बंटवारे की रूपरेखा तय करेगी। इसके बाद टीम के सदस्य प्रस्तावित परियोजना स्थल की साइट देखने जाएंगे। अधीक्षण अभियंता शीलचंद्र उपाध्याय के मुताबिक टीम आज पन्ना जाएगी और 20 मई को बांदा जाकर साइट देखेगी। इस टीम के आने के बाद परियोजना का काम आगे बढऩे की उम्मीद है।
केबीएलपीए ही इस परियोजना संबंधी सभी कार्य करेगी। इसका संचालन बीस सदस्यीय समिति करेगी, जिसकी अध्यक्षता जल शक्ति मंत्रालय सचिव करेंगे। समिति में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, वित्त विभाग, जनजातीय विभाग, विद्युत मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, पर्यावरण, मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य अभियंता (मुख्यालय) शामिल किए गए हैं। नीति आयोग का एक सदस्य भी इसमें रखा गया है।
200 अधिकारी-कर्मचारी देखेंगे प्रबंधन
लिंक परियोजना का काम शुरू होने पर झांसी कार्यालय में करीब 200 अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। परियोजना को वर्ष 2030 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। मुख्यालय बनने के बाद झांसी में परियोजना के मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता समेत विभिन्न खड़ों के लिए एक्सईएन तैनात होंगे। इस परियोजना के लिए डेपुटेशन पर भी अभिंयता तैनात किए जा सकते हैं। शासन स्तर पर मंथन चल रहा है। मुख्यालय बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव अगले माह तक मंजूर होने की उम्मीद है।
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