विश्वकर्मा जी का जन्म (Lord Vishwakarma Birth) कन्या संक्रांति के दिन हुआ था. इसी कारण हर साल कन्या संक्रांति पर विश्वकर्मा पूजा की जाती है. इस बार विश्वकर्मा पूजा के दिन कई ऐसे योग बन रहे हैं, जिसमें पूजा कर आप कई गुना लाभ प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं वह शुभ संयोग के बारे में :
इस बार विश्वकर्मा पूजा के दिन सिद्धि योग सुबह 7:22 मिनट तक रहेगा उसके बाद साध्य योग का प्रारंभ हो जाएगा. इसके अलावा अमृत काल मुहूर्त सुबह 10:09 बजे से सुबह 11:37 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 02:19 बजे से दोपहर 3:08 बजे तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 06:12 बजे से शाम 6:36 बजे तक रहेगा. इन सभी योगों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कई गुना लाभ प्राप्त होगा.
भगवान विश्वकर्मा जी को दुनिया का शिल्पकार, इंजीनियर वास्तुकार माना जाता है. स्वर्ग लोक, द्वारिका नगरी, रावण की लंका सबका निर्माण उन्होंने ही किया था. देवताओं के अस्त्र-शस्त्र की डिजाइन भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाए हैं. संसार की सभी निर्जीव वस्तुओं पर विश्वकर्मा जी का आधिपत्य माना जाता है.
विश्वकर्मा पूजा पर मशीनों औजारों की पूजा करने से जल्दी खराब नहीं होते व्यापार में कई गुना लाभ भी होता है. इस दिन विश्वकर्मा जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
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