नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली (Indian cricket team captain Virat Kohli) पर खेल प्रेमियों का भरोसा कम होता जा रहा है, क्योंकि जिस तरह वे खेल के दौरान खराब फॉर्म (bad form) से गुजर रहे हैं यह सभी को मालूम है।
बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली (Indian cricket team captain Virat Kohli) एक समय शतक पर शतक ठोकने वाला ये बल्लेबाज पिछले दो साल से एक भी सेंचुरी नहीं मार पाया है। विराट ने 2021 में टेस्ट क्रिकेट में 19 पारियों में सिर्फ चार अर्द्धशतक ही बनाए। भारतीय कप्तान ने आखिरी बार 23 नवंबर 2019 को एक अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया था। तब उन्होंने ईडन गार्ड्सं में बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में 136 रन की मैच जिताऊ पारी खेली थी।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली का मानना है कि उन्हें किसी के सामने खुद को साबित करने की जरूरत नहीं है और वह अपने खेल से बेहद खुश हैं। कोहली चोट के कारण दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाए थे, वहीं, वह खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं और नवंबर 2019 से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं बनाया है। कोहली ने कहा, ‘वास्तव में यह मेरे करियर में पहली बार नहीं हुआ है और ऐसा कई बार हो चुका है. 2014 में जब मैं इंग्लैंड खेल रहा था, तब भी ऐसी बातें उठी थी कि मैं सही नहीं खेल पा रहा हूं और न ही शतक लगा पा रहा हूं। जिन मानकों के साथ मेरी तुलना की गई है, वे मेरे द्वारा निर्धारित किए गए हैं। 27 टेस्ट शतक बनाने वाले कोहली ने कहा, ‘खेल में कभी-कभी चीजें वैसी नहीं होती जैसी आप चाहते हैं, लेकिन एक खिलाड़ी और बल्लेबाज के रूप में मैं पिछले कैलेंडर वर्ष में बहुत महत्वपूर्ण क्षणों और साझेदारियों में शामिल रहा हूं। आखिरकार, कई टेस्ट मैचों में वे क्षण हमारे लिए महत्वपूर्ण रहे हैं. कभी-कभी आपका केंद्र बिंदु बदलता है, यदि आप संख्याओं और कामयाबी के आधार पर खुद को देखते, तो आप जो कुछ भी कर रहे हैं उससे आप कभी खुश या संतुष्ट नहीं होंगे। कोहली ने कहा कि ‘मैं जिस तहर से खेल रहा हूं, उस पर मुझे खुशी और बहुत गर्व है, क्योंकि आप टीम में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ जुडें रहना चाहते हैं और मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास हमेशा करते रहना है। मुझे सच में विश्वास है कि मुझे किसी के सामने खुद को साबित करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैं अपने खेल से खुश हूं। कोहली ने यह भी कहा कि सीनियर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जो अनुभव टीम के लिए देते हैं वह अनमोल है। अपनी कई टेस्ट पारियों के बाद, पुजारा और रहाणे दोनों ने जोहान्सबर्ग में दूसरी पारी में 111 रन की साझेदारी करते हुए क्रमश: 53 और 58 रन बनाए थे।