गोपालगंज: बिहार (Bihar) के गोपालगंज (Gopalganj) जिले में तकरीबन 100 से ज्यादा बच्चे वायरल फीवर (Viral Fever In Bihar) की चपेट में हैं. इनमें कुछ का सरकारी तो कुछ का प्राइवेट अस्पताल (private hospital) में इलाज चल रहा है. विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान 3 बच्चों की मौत होने की पुष्टि की गई है. मौत के बाद एक बच्चे की रिपोर्ट आई तो पता चला कि वह मासूम इंसेफेलाइटिस (AES) से पीड़ित था.
इंसेफेलाइटिस पॉजिटिव रिपोर्ट (encephalitis positive report) आने के बाद 50 से ज्यादा बच्चों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. बिहार में अब वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ने लगा है. स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश की राजधानी पटना (Patna) के सभी बड़े अस्पतालों में बच्चों के वार्ड फुल हैं और वायरल इंफेक्शन का कहर बच्चों पर जारी है. पटना के एनएमसीएच, आईजीआईएमएस और पीएमसीएच में नीकू और पीकू वार्ड के सभी बेड फुल हैं. यहां नवजात से लेकर 12 साल तक के बच्चे सर्दी, खांसी, बुखार, बेचैनी और निमोनिया की शिकायत के साथ भर्ती हैं.
पीएमसीएच के शिशु वार्ड में भी एक भी बेड खाली नहीं है और अस्पतालों पर दवाब बढ़ गया है. बिहार सरकार ने सभी जिला और सरकारी मेडिकल कॉलेज को सतर्कता बरतने का अलर्ट भेजा है. साथ ही यह भी दावा किया है कि मरीज भले बढ़ रहे हों, लेकिन चिंता की बात नहीं है. इस स्थिति को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि जो छोटे बच्चे हैं, उनका अस्पताल आना ज्यादा हुआ है.
हमने कई डॉक्टर्स से बात की है और सभी का कहना है कि यह वायरल फीवर है. वैसे, राज्य सरकार अब विद्यालयों को इस बढ़ती बीमारी के मद्देनजर फिर से ऑनलाइन क्लास पर वापस जाने की सलाह दे रही है. यूपी, एमपी, बिहार और अब दिल्ली में भी ये वायरस तेजी से फैलता जा रहा है. चिंता की बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा बच्चे पीड़ित हो रहे हैं. बिहार, यूपी समेत तमाम राज्यों के अस्पतालों में जगह नहीं बच रही है. ध्यान होगा कि यूपी के फिरोजाबाद में इस रहस्यमय बुखार ने 100 से ज्यादा जिंदगी लील ली. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी यही हाल है.
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