पाटन । गुजरात के पूर्व गृहमंत्री (Former Home Minister of Gujarat) विपुल चौधरी (Vipul Chaudhary) ने राज्य में गुणवत्तापूर्ण शराब (Quality Liquor in the State) की वकालत कर (Advocating) विवाद खड़ा कर दिया है (Has Raised Controversy) । उनकी यह टिप्पणी जहरीली शराब त्रासदी की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें अहमदाबाद और बोटाद जिलों में 46 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
विपुल चौधरी ने बुधवार को अरबुडा पैनल की पाटन जिला कार्यसमिति की बैठक के दौरान यह बयान दिया। चौधरी के नेतृत्व में अरबुडा पैनल मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (दूधसागर डेयरी) का चुनाव लड़ने जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण शराब की वकालत करते हुए चौधरी ने कहा, “कोई भी सख्त कानून शत-प्रतिशत शराबबंदी लागू नहीं कर सकता, तो कानून का क्या मतलब है, बेहतर है कि गुणवत्तापूर्ण शराब मुहैया कराई जाए।”
उन्होंने कहा, “अगर आप शराब का सेवन करना चाहते हैं, तो सहकारी दूध डेयरियों द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले दूध की तरह गुणवत्ता वाली शराब लें। राज्य सरकार को सहकारी समितियों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शराब उपलब्ध करानी चाहिए।” ओबीसी और भाजपा नेता अल्पेश ठाकोर, जिन्होंने जहरीली शराब त्रासदी पीड़ितों के परिवारों के पास जाकर शोक व्यक्त किया था। उन्होंने भी शराबबंदी को सख्ती से लागू करने की मांग की।
उन्होंने एक और विवादास्पद बयान दिया, कहा : “पंचायत, निगम, विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ने वालों को चुनाव के दौरान शराब बांटना बंद कर देना चाहिए। अगर 182 विधायक फैसला करते हैं, तो बाजार में अवैध शराब की एक बूंद भी नहीं मिलेगी।” उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को पत्र लिखने के स्थान पर स्थानीय निवासियों के सहयोग से ऐसे शराबखानों पर जनता छापेमारी करनी चाहिए। यह भी एक नियमित अभ्यास होना चाहिए न कि प्रतीकात्मक।
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