नई दिल्ली (New Delhi)। मौजूदा हालात में हर व्यक्ति शारीरिक और मनोवैज्ञानिक चुनौतियों (physical and psychological challenges) पर काबू पाकर स्वस्थ रहने की चाहत रखता है। योग (Yog) सभी आयु समूहों के लिए एक लोकप्रिय हस्तक्षेप बन गया है। इसे मन और आत्मा का मिलन माना गया है जो संतुलन लाता है और शरीर के उपचार को बढ़ावा देता है। योग के पारंपरिक अभ्यास (Traditional Yoga Practices) में सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ कुछ सेकंड के लिए मुद्रा (Posture) को खींचना और पकड़ना शामिल है।
विपरीत वीरभद्रासन कैसे करें
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सपाट जमीन पर मैट बिछाकर उसपर सीधे खड़े हो जाएं। अब बाएं पैर को आगे और दाएं पैर को पीछे करें। दाएं घुटने को धीरे-धीरे मोड़ें बाएं घुटने को सीधा रखें। इस दौरान दाएं पैर का पंजा सीधा होना चाहिए और बाएं पैर का पंजा बाईं तरफ होना चाहिए। गहरी सांस लेते हुए दाएं पैर को ऊपर करें और बाएं पैर को बाएं घुटने पर रखें। इस योग क्रिया को आप अपनी क्षमता के अनुसार अवधि तक कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे सामान्य पॉजिशन में आ सकते हैं।
इस बात का रखें ध्यान
इस आसन को करने से पहले वार्मअप कर लें। इसी के साथ खाना खाने के तुरंत बाद योग न करें। आसन करते समय कमर व गर्दन को सीधा रखें।
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