कोलकाता। पश्चिम बंगाल(West Bengal) में चौथे चरण (Fourth stage)के तहत 44 सीटों पर मतदान (Voting in 44 seats) शुरू हो गया लेकिन इससे पहले राज्य के कई इलाकों में हिंसा(Violence in many areas) भड़क उठी। कूचबिहार के सीतलकुची और साउथ 24 परगना में भाजपा(BJP) कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट होने की खबरें हैं। वहीं, भांगर में टीएमसी(TMC) दफ्तर पर हमला होने की जानकारी मिली है। इन दोनों घटनाओं में भाजपा-टीएमसी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं।
तृणमूल के सामने लोकसभा की हार का बदला लेने की चुनौती
चौथे चरण के मतदान में उत्तर बंगाल के दो जिलों कूच बिहार और अलीपुरद्वार की 14 सीटें अहम होंगी। इनमें से 9 सीट कूच बिहार में और 5 अलीपुरद्वार में हैं। तृणमूल कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में अलीपुरद्वार और कूचबिहार, दोनों लोकसभा सीट हार गई थी। इसलिए भाजपा के सामने लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराने की चुनौती होगी। ममता बनर्जी ने इन दो जिलों में धुआंधार प्रचार किया है। कूच बिहार एक समय कोच राजाओं की राजधानी रही है। भाजपा और तृणमूल, दोनों दलों ने राजवंशियों को लुभाने का हर संभव प्रयास किया है।
उत्तर बंगाल में रहा है विद्रोह और हिंसा का लंबा दौर
उत्तर बंगाल ने विद्रोह और हिंसा का लंबा दौर देखा है। भाजपा ने यहां अन्य अर्द्धसैनिक बलों की तर्ज पर नारायणी सेना के गठन का वादा किया है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने नारायणी पुलिस बटालियन बनाने का वादा किया है। कूचबिहार के मेखलीगंज, सीतलकुची और दिन्हाटा विधानसभा क्षेत्र की सीमा बांग्लादेश से लगती है। यहां अल्पसंख्यक आबादी करीब 25 फीसदी है। भाजपा यहां घुसपैठ का मुद्दा जोर-शोर से उठाती आ रही है।
चाय श्रमिकों की मजदूरी बड़ा मुद्दा
अलीपुरद्वार जिले की अर्थव्यवस्था चाय की खेती पर निर्भर है। श्रमिक नेता लीयोस का आरोप है कि कागजों में चाय मजदूरों की दैनिक मजदूरी 202 रुपये हैं, मगर उन्हें इससे काफी कम मिलता है। घोषणापत्र तृणमूल ने सत्ता में लौटने पर दैनिक मजदूरी में वृद्धि की बात कही है। भाजपा ने असम और बंगाल के बागान मजदूरों के लिए एक हजार करोड़ के पैकेज का वादा किया है।
एनक्लेव पर श्रेय लेने की होड़
भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने भारत-बांग्लादेश के बीच लंबे समय तक चले एनक्लेव विवाद को सुलझाने में अपनी अहम भूमिका होने का दावा किया । 2015 में बांग्लादेश के साथ हुए भूमि सीमा करार में भारत की सीमा के भीतर 51 बांग्लादेशी बस्तियों को भारत में शामिल कर लिया गया था। बांग्लादेश के भीतर मौजूद 111 बस्तियों को बांग्लादेश में मिला दिया गया था। हालांकि, बांग्लादेश में भारतीय एनक्लेव में रहने वाले 900 लोगों का कहना है कि उनसे किया वादा पूरा नहीं किया गया। इन सभी को कूचबिहार में बसाया गया है। उन्हें शिविरों से निकालकर छोटे फ्लैट में रखा गया है।
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