नई दिल्ली । असम और मिजोरम के बीच हुआ सीमा विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया और इस हिंसा में असम पुलिस (Assam Police) के 6 जवानों की मौत हुई है. इसके अलावा एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए. दोनों राज्य इस हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और केंद्र सरकार से दखल देने की मांग कर रहे हैं.
सरमा ने ट्वीट किया वीडियो
इस बीच असम के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे जवानों की हत्या करने के बाद मिजोरम पुलिस और गुंडे जश्न मना रहे हैं. इसके सबूत के तौर पर उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है. इस वीडियो में जवानों को हाथ मिलाते और एक-दूसरे को बधाई देते दिखाया गया है. सरमा ने इस घटना को दुखद और भयावह करार दिया है.
After killing 5 Assam police personnel and injuring many , this is how Mizoram police and goons are celebrating.- sad and horrific pic.twitter.com/fBwvGIOQWr
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021
इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि झड़प में छह पुलिसकर्मियों की मौत हुई जबकि 50 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं. साथ ही असम के कछार जिले के अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष में 10 अन्य लोग भी जख्मी हुए हैं.
सीमा विवाद किसी तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की दखल के बाद थम गया है. उन्होंने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से बात की. साथ ही दोनों नेताओं से विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और समाधान खोजने की अपील की है.
कांग्रेस का केंद्र पर निशाना
अमित शाह ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में सीमा विवादों को सुलझाने की जरूरतों पर बात की थी जिसके दो दिन बाद यह घटना सामने आई है. इसके लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि एक ओर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर पर खुलेआम बहस कर रहे थे, दूसरी ओर तनाव बढ़ रहा था.
कांग्रेस ने पूछा, ‘ रविवार को गृह मंत्री ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी, उनके बीच क्या हुआ? सीमा विवादों को कम करने के लिए क्या नीतियां अपनाई गईं?’
उधर, सीमा विवाद के बीच दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री एक-दूसरे से ट्विटर पर भिड़ते दिखे. मिजोरम के मुख्यमंत्री ने सरमा से अपील की कि असम पुलिस को निर्देश दें कि वह वायरेंगटे से हट जाए. असम में फिलहाल बीजेपी की सरकार है जबकि मिजोरम में भी बीजेपी की अगुवाई वाली पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है.
कैसे भड़की हिंसा?
दरअसल असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडीए मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबा बॉर्डर शेयर करते हैं. एक क्षेत्रीय विवाद के बाद, अगस्त 2020 और फरवरी में इंटर स्टेट बॉर्डर पर जवानों के बीच झड़प हुई थी. असम सरकार के मुताबिक कछार जिले में असम-मिजोरम बॉर्डर पर उपद्रवियों की ओर से फायरिंग की गई जिसमें असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हुई है.
इससे उलट मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने एक बयान में कहा कि असम के 200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने CRPF की चौकी पर कर आगजनी, हमला और निहत्थे लोगों पर फायरिंग की, जिसके बाद मिजोरम पुलिस ने ये जवाबी कार्रवाई की है.
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