तिरुवनंतपुरम। इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा शुक्रवार को केरल में आहूत दिनभर की हड़ताल के बीच राज्य में कई जगहों पर हिंसा भड़क गई। पूरे राज्य में सार्वजनिक परिवहन की बसों पर पथराव होने, दुकानों, वाहनों को क्षति पहुंचाने और हिंसा की घटनाओं की भी सूचना मिली है। यहां तककि मामला बढ़ता देख केरल उच्च न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेना पड़ा है। कोर्ट ने पुलिस को सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
70 सरकारी बसें क्षतिग्रस्त
राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगभग 70 सरकारी बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, कई जगहों पर बम फेंके गए और कन्नूर (उत्तरी केरल) में आरएसएस के कार्यालय पर बदमाशों ने हमला किया। कन्नूर में एक पीएफआई कार्यकर्ता को जिंदा बम के साथ पकड़ा गया है। हिंसा के सिलसिले में 200 से अधिक PFI कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। कुछ जगहों पर एंबुलेंस पर भी पथराव किया गया। हिंसा में 12 बस यात्री और छह चालक घायल हुए हैं।
केरल उच्च न्यायालय ने लिया हिंसा का स्वत: संज्ञान
केरल उच्च न्यायालय ने पीएफआई की हड़ताल और राज्य में आज हुई हिंसा की घटनाओं पर संज्ञान लिया है। अदालत ने कहा कि हड़ताल पर उसने पहले ही रोक लगा रखी है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। अदालत ने राज्य प्रशासन को उसके हड़ताल पर प्रतिबंध संबंधी आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पीएफआई के राज्य सचिव अबूबकर के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश
केरल हाईकोर्ट ने पुलिस से पीएफआई के राज्य सचिव ए अबूबकर के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा है। अबूबकर ने गुरुवार को देश भर में छापेमारी और पीएफआई पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया था। ठीक से काम नहीं करने के लिए पुलिस की भी आलोचना हो रही है। विपक्षी भाजपा ने कहा कि केरल पुलिस ने कट्टरपंथी संगठन के सामने नम्रतापूर्वक आत्मसमर्पण कर दिया।
कन्नूर में सुबह अखबार ले जा रही एक निजी वैन पर बम फेंके गए। इसी जिले में पुलिस ने दो पेट्रोल बम ले जा रहे पीएफआई के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि कोझीकोड में जब उनके वाहन पर पथराव किया गया तो एक 15 वर्षीय लड़की और ऑटो चालक घायल हो गए। कोल्लम में बाइक सवार हमलावरों ने पुलिस के वाहन से टक्कर मार दी, जिससे दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि कई जगहों पर हमलावरों ने अपने चेहरे ढके हुए थे।
इराट्टुपेटा में पुलिस ने लाठीचार्ज किया
हमलावरों द्वारा बंद के लिए मजबूर किए जाने के बाद कोट्टायम के इराट्टुपेटा में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कन्नूर के मट्टनूर में आरएसएस कार्यालय पर बम फेंके गए। हालांकि पय्यानूर में स्थानीय लोगों ने बंद में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्होंने पीएफआई कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई की जिसमें चार कार्यकर्ता घायल हो गए। कोझीकोड में प्रदर्शनकारियों ने एक न्यूज चैनल एशियानेट के वाहन पर हमला किया।
पुलिस ने अब तक हिंसा के सिलसिले में 200 पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद शाम को और गिरफ्तारियां होंगी। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम ने बाद में सोशल मीडिया में प्रदर्शनकारियों से अपनी बसों और कर्मचारियों को बख्शने का अनुरोध किया।
सरकार ने अभी तक हिंसक घटनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पुलिस प्रमुख अनिल कांत ने कहा कि बंद के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि “स्थिति अब नियंत्रण में है। पुलिस अपराधियों को बख्शेगी नहीं।”
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved