नई दिल्ली। हिंदू नव वर्ष के बाद से अब तक देश में सांप्रदायिक हिंसा (communal violence in the country) और दो समुदायों के बीच टकराव (conflict between two communities) का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। हिंसा की आग गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश से आगे बढ़ते हुए अब राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) तक आ पहुंची है। इन राज्यों में शोभा यात्रा पर पथराव के बाद ऐसी हिंसा भड़की कि करोड़ों का नुकसान हुआ और कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच गए। सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसी घटनाएं अचानक से क्यों बढ़ गई हैं, इसके पीछे देश का माहौल बिगाड़ने की कोई सोची-समझी साजिश तो नहीं?
दिल्ली में भी शोभा यात्रा पर पथराव
शनिवार को हिंसा का ताजा मामला दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जन्मोत्सव पर शोभा यात्रा निकालते समय दो पक्षों के बीच हंगामा हुआ है। इस दौरान भारी पथराव भी किया गया। घटना में पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों के घायल हो गए। घायलों को जहांगीरपुरी से बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। उपद्रवियों की पहचान करने के लिए पुलिस इलाके के सीसीटीवी भी खंगाल रही है।
2 अप्रैल को राजस्थान के करौली से शुरुआत
इस तरह की हिंसा का पहला मामला राजस्थान के करौली में सामने आया था। करौली में दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष पर निकाली गई बाइक रैली पर उपद्रवियों ने पथराव कर दिया था। लोग अपने वाहन और बाइक छोड़कर भाग निकले। उपद्रवियों ने 35 से अधिक दुकानों, मकानों और बाइकों को आग के हवाले कर दिया था। बिगड़ते हालात को देखते हुए शहर में पहले धारा 144, कर्फ्यू और फिर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित 43 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद से कई बार यहां कर्फ्यू बढ़ाया गया। कहा गया कि डीजे पर भड़काऊ गाने बजाने पर रैली में पथराव किया गया जिसके बाद हिंसा भड़क गई।
मध्य प्रदेश के खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा
मध्य प्रदेश के खरगोन में भी रामनवमी पर खूब बवाल हुआ। शहर में आगजनी हुई, जिसमें चार घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए। रामनवमी का जुलूस शुरू ही हुआ था कि उपद्रवियों ने डीजे को लेकर विवाद शुरू कर दिया। देखते ही देखते पथराव होने लगा। इसके बाद दोनों पक्ष एक दूसरे से भिड़ गए। उपद्रवियों के हमले में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए। बताया गया कि उपद्रवियों ने शीतला माता मंदिर में भी तोड़फोड़ की है। इसके बाद जिला प्रशासन ने तालाब चौक, गौशाला मार्ग, मोतीपुरा, स्टेडियम के पीछे, टावर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया।
गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात में हिंसा
गुजरात के दो शहरों में 11 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा की घटना हुई। साबरकांठा के हिम्मतनगर और आणंद के खंभात शहर में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़प हो गई। इस दौरान लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव भी किया। इससे कई दुकानें और वाहनों को नुकसान पहुंचा। खंभात में हुई सांप्रदायिक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया। इसके अलावा द्वारका में भी हिंसा हुई।
झारखंड का लोहरदगा और बोकारो
झारखंड के लोहरदगा में बीते रविवार को हुई हिंसा में एक की जान चली गई। मृतक लातेहार जिले का रहने वाला था। लोहरदगा और बोकारो में रविवार को रामनवमी के जुलूस के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। पहली घटना लोहरदगा के सदर थाना क्षेत्र के हिरही गांव में हुई, जबकि दूसरी घटना बोकारो के बेरमो इलाके में दर्ज की गई। दोनों जगह रामनवमी पर निकले जुलूस को निशाना बनाया गया। इस दौरान जमकर पत्थरबाजी हुई। उपद्रवियों ने मेले को भी आग के हवाले करने की कोशिश की।
पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में भी हिंसा
पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में रामनवमी के जुलूस के दौरान जमकर बवाल हुआ। यहां मचानताला पेट्रोल पंप मोड़ के पास स्थित मस्जिद के सामने से निकल रहे जुलूस पर उपद्रवियों ने पथराव कर दिया। केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि उनकी कार पर भी पथराव किया गया। पथराव के बाद भड़की हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था।
कर्नाटक के कोलार में शोभायात्रा पर पथराव
कर्नाटक के कोलार में भी 11 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ। गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बताया कि पथराव के बाद माहौल थोड़ा बिगड़ गया था, लेकिन पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया। तनाव को काबू करने के लिए पुलिस फोर्स तैनात की गई।
पथराव और हिंसा क्या सोची-समझी साजिश?
शायद यह पहली बार है जब रामनवमी के मौके पर एक साथ इतने राज्यों और शहर में पथराव और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। वहीं, दिल्ली में भी हनुमान जन्मोत्सव पर तनाव की स्थिति बनी है। ऐसे में आरोप लग रहे हैं कि इन घटनाओं को सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। शोभायात्रा पर पथराव के लिए आखिर इतने पत्थर कहां से आए? इन्हें पहले से ही उन जगहों के आसपास कैसे रख लिया गया था, जहां से शोभा यात्रा गुजरनी थी? इसमें देशविरोधी तत्वों का हाथ भी हो सकता है।
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