नई दिल्ली: महिला पहलवान विनेश फोगाट (Women wrestler Vinesh Phogat) पेरिस से भारत लौट आई हैं. उनके लिए पिछले कुछ दिन काफी दर्द भरे रहे हैं. पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) में मेडल पक्का करने के बाद भी वह खाली हाथ अपने देश लौटी हैं. लेकिन भारत आते ही उन्हें एक बड़ी खुशखबरी मिली है. विनेश फोगाट के साथ-साथ ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान को भी अच्छी खबर मिली है. कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) में हारने के बाद वह दिल्ली उच्च न्यायालय में जीत गई हैं.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने विनेश फोगाट की याचिका को आखिरकार स्वीकार कर लिया गया. दरअसल, कोर्ट ने चारों पहलवानों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की एक एड हॉक समिति के भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के कामकाज को चलाने के अधिकार को बहाल कर दिया है. अदालत ने कहा कि दिसंबर 2023 में हुए WFI चुनाव सही नहीं थे और खेल मंत्रालय ने भी इस पर रोक लगा दी है. यह आवश्यक है कि आदेश हटने तक इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की एड हॉक समिति डब्लयूएफआई के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को चलाए.
बता दें, विनेश, बजरंग और साक्षी मलिक ने बीते साल रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना किया था. इसके बाद बीते साल दिसंबर में हुए चुनावों के बाद संजय सिंह फेडरेशन के अध्यक्ष चुने गए थे. हालांकि चुनावों के तीन बाद ही खेल मंत्रालय ने इस समिति पर बैन लगा दिया था.
पेरिस ओलंपिक 2024 किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. मेडल पक्का करने के बाद विनेश फोगाट को फाइनल मैच से पहले ज्यादा वजन के चलते डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ खेल की सबसे बड़ी अदालत कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी. लेकिन उनकी अपील खारीज कर दी गई. शनिवार 17 अगस्त की सुबह करीब 10:45 बजे विनेश नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची. जब स्टार रेसलर विनेश फोगाट एयरपोर्ट से बाहर आईं तो पूरा माहौल भावुक हो गया. उनका शानदार स्वागत करने के लिए भारी भीड़ मौजूद थी.
आपको बता दें 6 अगस्त को विनेश ओलंपिक फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। हालाँकि, महिलाओं की 50 किग्रा फ़्रीस्टाइल कुश्ती फ़ाइनल से पहले विनेश को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद 29 वर्षीय पहलवान ने संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने फैसले को चुनौती दी और संयुक्त रजत पदक के लिए यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील की। बुधवार को अदालत में एकमात्र मध्यस्थ के फैसले में आवेदन खारिज कर दिया गया।
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