धार्मिक मान्यता के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) कहते हैं, जों कि कल यानि मंगलवार को पड़ रही है । इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा विधिपूर्वक करते हैं। इस दिन दो शुभ योग रवि और सिद्धि बने रहे हैं। जो लोग विनायक चतुर्थी का व्रत रखते हैं, वह इस दिन दोपहर के शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा (worship) कर सकते हैं। विघ्नहर्ता भगवान गणेश भक्तों के जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं। साथ ही लोगों की मनोकामनाएं (wishes) पूरी करते हैं। आइए आपको बताते हैं विनायक चतुर्थी की तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में।
विनायक चतुर्थी तिथि
आषाढ़ मास (Vinayaka Chaturthi) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 13 जुलाई 2021 को सुबह 08 बजकर 24 मिनट पर हो रहा है। चतुर्थी तिथि 14 जुलाई को सुबह 08 बजकर 02 मिनट तक रहेगी। चतुर्थी पूजा के लिए दोपहर का मुहूर्त 13 जुलाई को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए विनायक चतुर्थी का व्रत 13 जुलाई को ही रखा जाएगा।
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें। दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें.।फिर भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं। भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें । इसके बाद भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं। श्रीगणेश जी को मोदक, लड्डूओं का ही भोग लगाएं। इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें। अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें.
बन रहे हैं दो योग
विनायक चतुर्थी के दिन दो योग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से अगले दिन 14 जुलाई को सुबह 03 बजकर 41 मिनट तक है। वहीं सिद्धि योग दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक है। ऐसे में विनायक चतुर्थी का व्रत रवि योग और सिद्धि योग में होगा।
विनायक चतुर्थी में चंद्र दर्शन न करें
विनायक चतुर्थी में चंद्रमा (Moon) का दर्शन करने की मनाही होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी को चंद्र दर्शन करने से जीवन में कलंक लगता है। इसलिए इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से बचें।
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