आज यानी 15 मई, 2021 को वैशाख माह की विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) का पावन व्रत है। हर माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस पावन दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं (Mythological beliefs) के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से विनायक गणेश चतुर्थी व्रत रखता है और विधि-विधान से गणपति की पूजा (Worship) अर्चना करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसपर सदा विघ्नहर्ता(vighnaharta) का आशीर्वाद बना रहता है. ऐसे जातकों के मार्ग में आने वाले संकट और बाधाएं स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं । भगवान गणेश (Lord Ganesha) प्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा के बाद ही होती है।
विनायक चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त:
विनायक चतुर्थी तिथि प्रारंभ – 14 मई 2021 को सुबह 07 बजकर 59 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त – 15 मई 2021 को सुबह 09 बजकर 59 मिनट तक
विनायक चतुर्थी महत्व (Importance of Vinayaka Chaturthi)
इस पावन दिन का बहुत अधिक महत्व (Importance ) होता है। विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखने से विघ्न दूर हो जाते हैं।
विघ्नहर्ता की इस तरह करें पूजा
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें। दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें। इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं। भगवान गणेश को सिंदूर (Vermilion) का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें। भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय होता है। जो भी व्यक्ति भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है, भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामनाओं (Wishes) को पूर्ण करते हैं। भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं। इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें। अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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