सावन माह का शुक्ल पक्ष चल रहा है। हिंदू धर्म ग्रंथों में हर मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायाक चतुर्थी कहा गया है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी की पूजा के लिए उत्तम मानी जाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार, आज 12 अगस्त को सावन की विनायक चतुर्थी है। धार्मिक मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) जी की विधि-विधान से पूजा उपासना (worship) करने पर उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती। इससे भक्तों के सभी कष्ट व पाप कट जाते हैं।
हिंदू धर्म में भगवान गणेश जी को प्रथम पूजनीय देव माना गया है। किसी भी शुभ या धार्मिक कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। आइये जानें विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) पूजा के लिए विधि व शुभ मुहूर्त।
सावन विनायक चतुर्थी पूजा, शुभ मुहूर्त
11 अगस्त 2021 दिन बुधवार को शाम 04:53 बजे से प्रारंभ
12 अगस्त 2021 दिन गुरुवार 03 बजकर 24 मिनट तक समापन
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें। दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें। इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं। भगवान गणेश को सिंदूर (Vermilion) का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें। भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय होता है। जो भी व्यक्ति भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है, भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामनाओं (wishes) को पूर्ण करते हैं। भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं। इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें। अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें।
विनायक चतुर्थी महत्व
इस पावन दिन का बहुत अधिक महत्व होता है। विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखने से विघ्न दूर हो जाते हैं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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