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    बुलडोजर देख भड़के गांव वाले, दो लेखपालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा; 30 पर FIR

  • October 01, 2024

    फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) में जिला प्रशासन (Administration) ने दो दिन के अंदर ग्राम समाज की जमीन पर बने मकानों को बुलडोजर (Bulldozer) से गिरा दिया. कुल 25 मकान गिराए गए. यहां 50 साल से भी ज्यादा समय से ये परिवार रह रहे थे. बुलडोजर की कार्रवाई से लोगों में इतना रोष है कि जब सोमवार को ग्रामीणों ने दो लेखपालों (two accountants) को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. इससे नाराज लेखपालों के संगठन ने मारपीट (Beating) करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

    साथ ही उनका ये भी आरोप था कि पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों ने ये सब किया. फिर भी पुलिस तमाशबीन खड़ी ये सब देखती रही. पुलिस ने इस पर एक्शन लिया है. घटना नवाबगंज थाना क्षेत्र के उखरा गांव में हुई. जानकारी के मुताबिक, शनिवार और रविवार को जिला प्रशासन की टीम ने बुलडोजर चलाकर सरकारी जमीन पर बने कई मकानों को ढहा दिया था. इसी बात से ग्रामीण नाराज हैं.

    बीजेपी के कुछ नेता सोमवार को गांव पहुंचे. भाजपा नेता जब पुलिस क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार और थाना प्रभारी बलराज भाटी के साथ लोगों से बात कर रहे थे, तभी कुछ ग्रामीण उग्र हो गए और मौके पर मौजूद लेखपाल रुद्र प्रताप सिंह और सौरभ पांडेय पर हमला कर दिया. इसमें दोनों लेखपाल घायल हो गए. दोनों के कपड़े और फाइलें तक लोगों ने फाड़ दीं. बाद में पुलिस ने किसी तरह भीड़ को तितर-बितर किया और स्थिति को नियंत्रित किया.


    इस घटना के विरोध में लेखपाल संघ के पदाधिकारियों ने नवाबगंज थाने में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष अजीत द्विवेदी ने कहा- हमारे साथियों को बेरहमी से पीटकर जख्मी कर दिया गया और उनके अभिलेख छीन लिए गए. जब तक मारपीट के आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक उनका धरना जारी रहेगा. पुलिस ने इस पर एक्शन लेते हुए 30 लोगों पर FIR दर्ज की है.

    ADM के मुताबिक, सभी मकान ग्राम पंचायत की जमीन पर बने थे. यह जमीन विद्युत निगम को ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने के लिए दी गई है. ग्रामीणों ने पहले तहसीलदार, बाद में जिलाधिकारी की कोर्ट में मुकदमा दायर किया था. वहां से फैसला पक्ष में नहीं आने पर हाईकोर्ट में भी अपील की गई. वहां से भी अपील खारिज होने के बाद कार्रवाई हुई है.

    ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए चयनित जमीन पर गांव वालों का कब्जा था. प्रशासन ने कहा- अवैध निर्माण हटाने के लिए सभी को नोटिस भी दिया था. नोटिस मिलने पर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया. ग्रामीण मुकदमा हार भी गए. बावजूद इसके वहां से नहीं हटे. ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की है. जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया, उसके दायरे में यह मकान भी आ गए. इसलिए प्रशासन ने इन मकानों को तोड़ा.

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