भांडेर। तहसील मुख्यालय से 2 किलोमीटर के दूरी पर अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। खनन करने वालों को किसी तरह का डर नहीं है। यही वजह है कि वे खनन के लिए भारी भरकम ब्लास्टिंग करने से भी नहीं डरते। खनन के लिए की जाने वाली इनब्लास्टिंग का असर है कि आस पास के गांव अब खंडहर में बदलते जा रहे है.. धमाकों के डर के चलते लोग यहां रहने से भी कतराते हैं. धमाकों के चलते सिर्फ मकानों ही नहीं बल्कि देवी-देवताओं के स्थान में भी काफी दरारें आई हैं।
नगर के चिरगांव रोड एवं सरसई रोड पर दर्जनों क्रेसर प्लांट लगे हुए हैं। जिनके कारण प्लांट के आस पास स्थित गॉवों के लोग सदैव दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं। प्लांट पर बारूदी सुरंग के द्वारा स्टोन ब्लास्टिंग की जाती है। जिससे आसपास के घर मकान मंदिर मस्जिद एवं अन्य एतिहासिक स्मारकों की दीवारें हिल जाती है। साथ ही क्रेसर प्लांट से उड़ने बाली स्टोन डस्ट आसपास के किसानों की कृषि भूमि को भी बंजर बना रही है।
ब्लास्टिंग से मन्दिर की छत एवं टाईल्स उखड़ी –
क्रेसर प्लांट की बारूदी ब्लासटिंग के दुष्प्रभाव क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल एवं प्राचीन स्मारकों पर देखने को मिल रहा है। अभी गत दिनों पूर्व केसरी सरकार मंदिर के पास स्थित क्रेसर प्लांट के ब्लासटिंग से मंदिर के निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर की दीवारों के टाइल्स एवं छत उखड़ गये। साथ ही 10 किलो ग्राम से 20 किलोग्राम तक बजन के पत्थर हवा में तैरकर जमीन पर गिरते हैं जिससे कोई भी अप्रिय घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है।
क्रेसर प्लांट के आस – पास निवासरत ग्राम सालोन के निवासियों ने बताया कि ब्लास्टिंग अक्सर रात को होती है। कभी कभी दिन में भी हो जाती है। हम लोग हमेशा भययुक्त जीवन यापन कर रहे हैं। डर लगता है कि कहीं ब्लास्टिंग के समय पत्थर जो हवा मे तैर रहा होता है कहीं मेरे ऊपर न गिर जाये। कई बार तो ब्लास्टिंग के समय हम लोग खेतों में भी होते हैं। तब हमारे आस पास भी पत्थर गिर जाते हैं।
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