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    मप्र में भी था विकास दुबे का नेटवर्क कुंडली खंगाल रही पुलिस

  • July 09, 2020

    • ग्वालियर-चंबल अंचल में एक दर्जन से अधिक बदमाशों की तलाश

    भोपाल। उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद मप्र पुलिस भी सतर्क हो गई है। गौरतलब है कि दुबे का मप्र कनेक्शन सामने आया है। इसके बाद मप्र पुलिस को अब उन 15 बदमाशों पर शक है जो विकास दुबे के साथी हैं। दरअसल, ये सभी बदमाश ग्वालियर चंबल के रहने वाले हैं और ये विकास दुबे के संपर्क में रहे हैं। ऐसे में अब मप्र पुलिस अलर्ट पर है और इन सभी 15 बदमाशों की जानकारी उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपी है। जबकि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी विकास दुबे को लेकर बड़ा बयान दिया है।
    पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार ग्वालियर चंबल के 15 बदमाश आरोपी विकास दुबे के संपर्क में लंबे समय से रहे हैं। ये सभी बदमाश विकास के साथ यूपी की जेल में बन्द थे। यहीं पर विकास दुबे की इन सभी बदमाशों से दोस्ती हुई थी। इसके बाद विकास दुबे 15 बदमाशों के लगातार संपर्क में था। आशंका जताई जा रही है कि यूपी में घटना करने के बाद इन 15 बदमाशों से विकास दुबे ने मदद के लिए संपर्क किया होगा। हालांकि अभी इन 15 बदमाशों की तलाश एमपी पुलिस कर रही है। यह सभी बदमाश ग्वालियर चंबल के रहने वाले हैं। यही कारण है कि एमपी पुलिस के साथ इंटेलिजेंस की टीम भी इनका सुराग लगा रही है, अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है। एमपी पुलिस ने इन सभी 15 बदमाशों की कुंडली यूपी एटीएस साझा की है। एमपी पुलिस हाई अलर्ट पर है और पुलिस इन बदमाशों और विकास दुबे के कनेक्शन की पड़ताल कर रही है।

    बालाघाट में बढ़ेगी चौकसी
    मध्य प्रदेश सरकार नक्सल प्रभावित बालाघाट में भी चौकसी बढ़ा रही है। यह सब बालाघाट की सुरक्षा के लिहाज से किया जा रहा है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह भी बताया कि नक्सली प्रभावित जिले बालाघाट में सड़कों के विकास के लिए 102 करोड़ राशि के प्रावधान के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इससे सशस्त्र बल को आवागमन में सुविधा मिल सकेगी।

    दुबे की गिरफ्तारी में प्रभावी भाजपा नेता का हाथ तो नहीं: मिश्रा
    कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने विकास दुबे की मप्र में सही सलामत गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है कि कही यह भाजपा के किसी प्रभावी नेता की सोची समझी नीति के तहत तो नहीं हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है कि यह बिना आपकी सहमति से कैसे संभव है। लगता है,गुजरात के बाद मप्र को अपना नाम बदलकर अपराधियों के अभयारण प्रदेश के रूप में तब्दील कर देना चाहिए, क्योंकि आप और आपकी हत्यारी विचारधारा को पुलिस (शहीदों )के मान से अधिक अपराधियों की शान,भाजपा नेतृत्व के मान-अभिमान की चिंता है।

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    भाजपा सरकार कांग्रेस नेताओं को राजनैतिक द्वेषवश बना रही निशाना: कमलनाथ

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