कानपुर । मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मन्दिर से कानपुर कांड के पांच लाख रुपये के इनामी विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई है। टेलीविजन पर बेटे की गिरफ्तारी सुनने के बाद मां सरला देवी ने कहा कि उसकी जान महाकाल ने बचाई है। अब उसके साथ सरकार जो करना चाहे वो करें। विकास विधायक बनना चाहता था। इसी चाह में वो अपराध की ओर बढ़ गया। उसने बहुत गलत किया है, पुलिस पकड़ लेने के बाद उसे गोली मार दें।
कानपुर के विकरु गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाला पांच लाख रुपये का कुख्यात अपराधी विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मन्दिर परिसर से पकड़ा गया है। गुरुवार की सुबह जब वह अपने कुछ साथियों के साथ महाकाल के दर्शन करने पहुंचा तो सुरक्षा गार्ड लखन यादव ने उसे पहचान लिया और पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार करके अज्ञात स्थान पर ले गई। जब वह पुलिस की पकड़ में आया तो अपनी पहचान का खुलासा करने और एनकाउंटर से बचने के लिए जोर से चिल्लाया- ‘मैं हूं विकास दुबे कानपुर वाला’। यह भी बताया जा रहा है विकास दुबे ने महाकाल चौकी पर खुद जाकर कहा कि ‘मैं मोस्टवांटेड हूं, मुझे गिरफ्तार’ करो। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
हर सावन में करता था महाकाल के दर्शन
बेटे विकास की गिरफ्तारी की खबर कानपुर में रहने वाली मां सरला देवी ने टेलीविजन पर सुनी। इसके बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि विकास हर साल सावन के माह में महाकाल के दर्शन करने उज्जैन जाता था और श्रृंगार करवाता था। भोले बाबा ने उनके बेटे की जान बचाई है। अब सरकार उसके साथ चाहे जो करें।
आखिर उज्जैन कैसे पहुंचा विकास दुबे ?
कानपुर के कुख्यात अपराधी की तलाश में पुलिस की 40 से ज्यादा टीमें और यूपी एसटीएफ लगी थी। फरीदाबाद और एनसीआर में उसकी लोकेशन मिलने के बाद वहां की पुलिस भी सतर्क हो गयी थी। जगह-जगह चेकिंग कर रही थी। फरीदाबाद से उज्जैन का सफर विकास ने इतनी जल्दी कैसे कर लिया। इतनी सघन चेकिंग में वह कैसे बार्डर पार कर गया है। इन सब सवालों के जवाब तलाश करने के लिए उज्जैन पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। उम्मीद है थोड़ी देर में ही उज्जैन पुलिस इसका खुलासा करेगी कि वह यहां कैसे पहुंचा। यूपी एटीएफ टीम उज्जैन के लिए रवाना हो गयी है।
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