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    भाजपा की राष्ट्रीय टीम में विजयवर्गीय को फिर मौका

  • September 27, 2020

    • सहस्त्रबुद्धे, झा नहीं पा पाए नड्डा की टीम में स्थान

    भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी नई राष्ट्रीय टीम का ऐलान कर दिया। इस टीम में मध्य प्रदेश से कुछ नेता बाहर हुए हैं तो कुछ को अंदर जगह मिली है। कुल मिलाकर देखें तो टीम नड्डा में एमपी का वजन पिछली बार के मुकाबले कम हुआ है।
    राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का एक भी पद एमपी के खाते में नहीं आया है। केंद्रीय टीम में अभी तक एमपी से जुड़े नेताओ में प्रभात झा, शिवराज सिंह, उमा भारती और विनय सहस्त्रबुद्धे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। हालांकि, शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद ये स्वाभाविक माना जा रहा था कि उन्हें संगठन के काम से फिलहाल मुक्त किया जा सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय सचिव पद से ज्योति धुर्वे भी बाहर हुई हैं। कैलाश विजयवर्गीय का राष्ट्रीय महासचिव पद बरकरार रहा है। जबकि आदिवासी नेता ओम प्रकाश धुर्वे राष्ट्रीय मंत्री बनाए गए हैं। ग्वालियर चम्बल से आने वाले नेता लाल सिंह आर्य को एससी मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, जबकि सांसद सुधीर गुप्ता सह कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। कैलाश विजयवर्गीय को दोबारा राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। बंगाल में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाने वाले अरविंद मेनन को भी मंत्री बनाया गया है। मई 2021 में होने वाले बंगाल चुनाव के कारण इन दोनों नेताओं पर संगठन ने भरोसा जताया है। विवादित बयानों के कारण अक्सर चर्चित रहने वाले विजयवर्गीय के नंबर घटने का अनुमान उनके विरोधी लगा रहे थे, लेकिन चुनावी मैनेजमेंट में माहिर होने के कारण विजयवर्गीय को बड़े नेता नजरअंदाज नहीं कर पाए। पांच साल पहले हरियाणा चुनाव के बाद बंगाल में संगठन मजबूत करने का कठिन टास्क विजयवर्गीय को दिया था। लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा की सीटों में बढ़ोतरी होने के पीछे भी विजयवर्गीय और मेनन की मेहनत रंग लाई। यही कारण है कि इस बार मेनन का राजनीतिक कद भी कार्यकारिणी में शामिल होने के कारण बढ़ गया। मेनन जब प्रदेश महामंत्री थे, तब से विजयवर्गीय से उनका तालमेल भी अच्छा है। जो बंगाल में भी काम आ रहा है।

    प्रभात झा को मिल सकती है ये जिम्मेदारी
    बीजेपी की केंद्रीय टीम से उमा भारती और प्रभात झा का बाहर होना कई सवाल भी खड़े कर रहा है। हालांकि, सियासी गलियारों में चल रही खबरों की मानें तो कुछ दिन पहले ही यह खबर सूत्रों के हवाले से सामने आई थी कि प्रभात झा को बिहार में राज्यपाल जैसी अहम जिम्मेदारी से नवाजा जा सकता है। हालांकि, अधिकृत तौर पर इसकी कोई घोषणा नहीं हुई है पर सियासी गलियारों में इसकी चर्चा है। वहीं उमा भारती के बारे में भी यह कयास लगाए जा रहे हैं कि संगठन उन्हें कोई और जिम्मेदारी मिल सकता है।

    उपचुनाव के लिहाज से बदलाव
    बीजेपी की केंद्रीय टीम मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिहाज से अहम मानी जा रही है। ग्वालियर चंबल से आने वाले एससी नेता लाल सिंह आर्य का एससी मोर्चे का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाना इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। उपचुनाव की सबसे ज्यादा 16 सीटें उसी संभाग में है और एससी वोट का एक बड़ा तबका इस इलाके से आता है। यही वजह है कि लाल सिंह आर्य को केंद्रीय टीम में जगह दी गई है। उधर आदिवासी नेता के तौर पर ओम प्रकाश धुर्वे को शामिल किया गया है, जबकि कैलाश विजयवर्गीय का महासचिव बरकरार रहना मालवा क्षेत्र में बीजेपी की मजबूत पकड़ के तौर पर देखा जा रहा है।

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