नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री (Former Deputy Chief Minister of Punjab) ओपी सोनी (OP Sony) को पंजाब विजिलेंस (vigilance) ने आय से अधिक संपत्ति (disproportionate assets) के मामले में गिरफ्तार किया है. पंजाब के उपमुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान ओपी सोनी पर अपने पद का दुरुपयोग करके संपत्तियां बनाने के साथ ही साल 2007 से लेकर 2022 तक के अपने राजनीतिक जीवन में आय से अधिक संपत्ति जुटाने के आरोप हैं.
इसी मामले को लेकर पंजाब विजिलेंस की ओर से लगातार ओपी सोनी से पूछताछ की जा रही थी और उन्हें जांच में शामिल करवाया गया था. अब पुख्ता सबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. विजिलेंस की जांच में कांग्रेस नेता ओपी सोनी पर गंभीर आरोप पाए गए हैं. पंजाब विजिलेंस की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इस मामले की एफआईआर नंबर 20 को तहत जांच के बाद ओपी सोनी के खिलाफ पुलिस स्टेशन विजिलेंस, अमृतसर रेंज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (बी) और 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया.
पहले पंजाब के कैबिनेट मंत्री और बाद में उपमुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि के दौरान उनकी और उनके परिवार की आय 4,52,18,771 रुपए थी, जबकि खर्च 12,48,42,692 रुपये था. ये उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 7,96,23,921 रुपये या 176.08 प्रतिशत अधिक था. इस दौरान आरोपी ओपी सोनी ने अपनी पत्नी सुमन सोनी और बेटे राघव सोनी के नाम पर कई संपत्तियां बनाईं.
ओपी सोनी पंजाब कांग्रेस के बड़े हिंदू चेहरे हैं और जब कांग्रेस की सरकार में कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे तब ओपी सोनी को कैबिनेट मंत्री की रैंक दी गई थी. बाद में कांग्रेस ने सत्ता परिवर्तन करके जब चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया था तो उस मंत्रिमंडल में ओपी सोनी को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया था और कई महत्वपूर्ण मंत्रालय भी दिए गए थे.
इससे पहले पंजाब विजिलेंस पूर्व की कांग्रेस सरकार के कई मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच कर रही है. खुद पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच चल रही है और उन्हें भी विजिलेंस जांच के लिए बुलाती रहती है.
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