दिल्ली से विजिलेंस अधिकारी आए इंदौर, एयरपोर्ट से शराब ठेके से जुड़े सभी दस्तावेजों को जब्त किया
‘अग्निबाण’ में छपी खबर पर एयरपोर्ट अथोरिटी के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने लिया संज्ञान
इंदौर, विकाससिंह राठौर।
इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर ड्यूटी पेड शराब के आवंटन में घोटाले के मामले में एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया के विजिलेंट डिपार्टमेंट ने जांच शुरू कर दी है। इस घोटाले का खुलासा ‘अग्निबाण’ द्वारा ही किया गया था और अथोरिटी तक इसकी जानकारी पहुंचाई थी। इसके बाद हाल ही में विजिलेंस अधिकारी इंदौर आए और ठेके से जुड़े सभी दस्तावेजों को जब्त किया।
‘अग्निबाण’ ने 10 दिसंबर के अंक में इस संबंध में खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया था कि शराब दुकान के ठेके के लिए सिक्यूरिटी डिपाजिट के रूप में एयरपोर्ट प्रबंधन को ठेकेदार से 1.42 करोड़ रुपए लेने थे, लेकिन प्रबंधन ने इसके बजाए सिर्फ 51 लाख रुपए ही लिए और इस तरह से एयरपोर्ट अथोरिटी को 91 लाख का नुकसान और ठेकेदार को फायदा पहुंचाया गया है। इस संबंध में एयरपोर्ट प्रबंधन को शिकायत भी मिली है, जिसके आधार पर इस घोटाले का खुलासा किया गया था। बताया जा रहा है कि खबर प्रकाशित होने के बाद प्रबंधन ने ठेकेदार कंपनी से अंतर की राशि जमा करने को भी कहा, लेकिन कंपनी ने यह राशि जमा नहीं की। इस बीच इस मामले की जानकारी एयरपोर्ट अथोरिटी तक पहुंचने पर अथोरिटी के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने इसकी जांच शुरू कर दी है। हाल ही में दिल्ली से विजिलेंस अधिकारी पंकज कामले इंदौर आए और उन्होंने इस ठेके से जुड़े कमर्शियल डिपार्टमेंट के अधिकारियों से पूछताछ करने के साथ ही सभी दस्तावेजों की जांच भी की।
यह है पूरा मामला
एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा 9 मई 2022 को इंदौर एयरपोर्ट के अराइवल एरिया में ड्यूटी पेड शराब दुकान खोलने के टेंडर जारी किए गए थे। पांच साल के लिए जारी किए गए टेंडर की मिनिमम मंथली गारंटी (एमएमजी) 5.23 लाख रखी गई थी। 12 जुलाई को फाइनेंशियल बीड में भोपाल के हिमालया ट्रेडर्स ने सबसे ऊंची बोली 21.94 लाख रुपए प्रतिमाह की लगाई। इस आधार पर यह ठेका 4 अगस्त को हिमालया ट्रेडर्स को अवार्ड किया गया। शिकायत के मुताबिक टेंडर में लिखा था कि जो सबसे ऊंची बोली होगी, उसकी छह माह की राशि सिक्यूरिटी डिपाजिट के रूप में लेना होगी। इस तरह करीब 1.32 करोड़ रुपए सिक्यूरिटी डिपाजिट के रूप में लिए जाने थे, लेकिन कंपनी से सिर्फ 45.95 लाख ही लिए गए, वहीं इलेक्ट्रिसिटी डिपाजिट के रूप में भी नियमानुसार 10 लाख रुपए जमा करवाए जाने थे, लेकिन यहां भी कंपनी से सिर्फ 4.60 लाख ही जमा करवाए गए। इस तरह मुख्य डिपाजिट में करीब 86 लाख और इलेक्ट्रिसिटी डिपाजिट में 5.6 लाख को मिलाकर कंपनी से डिपाजिट के रूप में ली जाने वाली राशि में 91 लाख कम लेते हुए कंपनी को फायदा पहुंचाया गया है।
जांच के दौरान रोने लगे अधिकारी
सूत्रों की माने तो जब विजिलेंस अधिकारी इस पूरे मामले में इंदौर एयरपोर्ट के कमर्शियल डिपार्टमेंट के अधिकारियों से पूछताछ कर रहे थे, तब एक प्रमुख अधिकारी खुद को निर्दोष बताते हुए रोने तक लगे। जांच के दौरान विजिलेंस अधिकारी ने ठेके से जुड़े सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। इन्हें जांच के लिए दिल्ली ले जाया जाएगा, जहां आगे की जांच के बाद कार्रवाई होगी।
शिकायत पर भोपाल एयरपोर्ट भी पहुंचे विजिलेंस अधिकारी
बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट अथोरिटी को भोपाल एयरपोर्ट पर अलॉट की गई शराब दुकान को भी लेकर शिकायत मिली थी। भोपाल में भी शराब दुकान का ठेका हिमालया ट्रेडर्स को ही मिला है। शिकायत में कहा गया है कि एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा भोपाल एयरपोर्ट के टर्मिनल में जिस स्थान पर शराब दुकान बताते हुए टेंडर जारी किए गए थे, उक्त कंपनी ने दुकान उसके बजाए दूसरे प्राइम स्थान पर बना ली है। इस तरह भोपाल में भी कंपनी को फायदा पहुंचाया गया है। शिकायत के आधार पर विजिलेंस अधिकारी जांच के लिए भोपाल भी गए थे।
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