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    उज्जैन में खतरनाक तीसरे वेरिएंट से सतर्कता जरूरी, अभी तो हो रहे हैं मेले ठेले

  • December 03, 2021

    • 6 दिसंबर से महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश की है तैयारी-तीन चार दिन में मेला भी जम जाएगा

    उज्जैन। कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा संक्रमण फैलाने वाले नए वेरिएंट ओमिक्रोन की एंट्री देश में हो गई है। एक दिन पहले कर्नाटक में दो नए मरीज नए वेरिएंट के सामने आए हैं। इसके बाद से अब महाकाल से लेकर कार्तिक मेला आयोजन तक ज्यादा सावधानी की आवश्यकता होगी। इसके पीछे कारण यह है कि 6 दिसंबर से महाकाल के गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश शुरु होना है और तीन चार दिनों में मेले का रंग भी जम जाएगा।


    दक्षिण अफ्रीका से सक्रिय हुआ कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन अब देश में प्रवेश कर चुका है। कल कर्नाटक में नए वेरिएंट के दो मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही केन्द्र तथा राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। हालांकि दो दिन पहले मुख्यमंत्री की वीसी के बाद स्थानीय जिला आपदा प्रबंधन समिति ने बैठक कर निर्णय लिया था कि जिले में बच्चों के स्कूल 50 फीसदी क्षमता से खुले रहेंगे। महाकाल तथा कार्तिक मेले और अन्य आयोजनों में केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाएगा जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा रखे हों। इधर कल शाम खबर आई कि ओमिक्रोन देश में प्रवेश कर गया है। इसे लेकर आज प्रधानमंत्री खुद सुबह से बैठक ले रहे हैं। महाकाल मंदिर समिति ने पिछले दिनों निर्णय किया था कि 6 दिसंबर से श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर के नंदी हाल और गर्भगृह में प्रवेश देने की व्यवस्था शुरु कर दी जाएगी। वहीं कल भी कार्तिक मेला प्रांगण में दुकान आवंटन की प्रक्रिया चलती रही। अधिकारियों का कहना है कि 3-4 दिन में मेला पूरी तरह जम जाएगा। हालांकि व्यापारी अभी करीब मेले का आधा समय गुजर जाने के कारण इसकी अवधि बढ़ाने की माँग कर रहे हैं। चिंता इस बात की है कि महाकाल में अगर 6 दिसंबर से श्रद्धालुओं का गर्भगृह तक प्रवेश और कार्तिक मेले और हस्तशिल्प मेले में बढऩे वाली लोगों की भीड़ में अगर सावधानी नहीं बरती गई तो उज्जैन में भी कोरोना की तीसरी लहर इंट्री कर सकती है।

    पिछली बार भी लॉकडाउन में अवैध प्रवेश कराया था
    इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि महाकालेश्वर मंदिर में देश के साथ-साथ विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं। अभी 15 दिसंबर तक कई बाहरी देशों की फ्लाईट प्रतिबंधित नहीं हो पाई है। ऐसे में अगर कोई विदेशी संक्रमित होकर महाकाल दर्शन करने पहुँच गया तो यह बहुत भारी पड़ सकता है। दावा किया जा रहा है कि प्रवेश द्वार पर ही कड़ी चैकिंग और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देखकर ही भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है। परंतु पिछले अनुभव बताते हैं कि कुछ रुपयों के लालच में मंदिर के कर्मचारी ही लॉकडाउन के दौरान बाहरी लोगों को गर्भगृह तक दर्शन कराने ले गए थे। इसके वीडियो भी वायरल हुए थे।

    4 द्वार पर मेले में आने वालों की निगरानी होगी चुनौती
    कार्तिक मेले में प्रवेश के 4 द्वार है। ऐसे में अगर मेला अगले तीन-चार दिनों में जमता है तो यहाँ भीड़ पडऩा स्वाभाविक है। क्योंकि लोग भी पिछले दो साल से कोरोना के कारण मेले का लुत्फ नहीं उठा पाए हैं। दावा है कि मेले में केवल उन्हीं व्यक्ति और व्यवसायियों को प्रवेश दिया जाएगा जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा रखे हैं। महाकाल में तो श्रद्धालुओं के प्रवेश के दो द्वार हैं जहाँ आसानी से प्रवेश करने वाले व्यक्ति सर्टिफिकेट जाँचे जा सकते हैं, परंतु मेले में मुख्य द्वार के अलावा तीन अन्य द्वार भी हैं और यह कई जगह से खुला हुआ भी है, ऐसे में मेले में आने वाले लोगों के वैक्सीन सर्टिफिकेट जाँचने के लिए कई जगह चैकिंग दल लगाने पड़ेंगे। इसमें अगर जरा सी भी चूक हुई तो एक ही दिन में सैकड़ों लोग संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। क्योंकि ओमिक्रोन डेल्टा प्लस वेरिएंट से 30 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाता है।

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