भोपाल। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले के बाद से नक्सली दलम का मप्र के नक्सल प्रभावित जंगलों में मूवमेंट हुआ है। इसके बाद से राज्य के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट, डिंडौरी और मंडला में हॉकफोर्स जवानों के साथ पुलिस के आला अफसर भी लगातार कैंप कर रहे है। छत्तीसगढ़ सीमा पर चौकसी बढ़ाई गई है। पुलिस का खुफिया तंत्र मजबूती से काम कर रहा है। दंतेवाड़ा में नक्सलियों की तलाश में गई सीआरपीएफ की गाड़ी को नक्सलियों ने विस्फोट से उड़ा दिया था। जिसमें एक नागरिक समेत 10 जवानों की मौत हो गई थी। इसके बाद से सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सलियों की तलाश तेज कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पड़ोसी राज्य में नक्सली वारदात करने के बाद मप्र की ओर रुख करते हैं। हालांकि वे मप्र के जंगलों को आश्रय के रूप में प्रयोग करते हैं और वारदात करने से बचते हैं। लेकिन पिछले हफ्ते ही हॉकफोर्स ने मुठभेड़ में 14 लाख की दो महिला नक्सली कमांडरों को मार गिराया था। इसके बाद से नक्सल प्रभावित जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही छत्तीसगढ़ सीमा पर भी चौकसी बढ़ाई गई है। बालाघाट रेंज आईजी संजय कुमार के अनुसार सर्चिंग जारी है। सुरक्षा के लिहाज से अर्लट भी हैं। जवान लगातार सर्चिंग कर रहे हैं।
बालाघाट के नक्सल प्रभावित गांवों में पहुंचेगी बिजली
बालाघाट जिले के लांजी तहसील के नक्सल प्रभावित ग्रामों में बिजली पहुँचाने का कार्य शुरू किया गया है। इस कड़ी में बैगा जनजातीय बहुल गाँव देवरबेली से सत्तीझोड़ी तक बिजली लाइन तैयार करने का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने देवरबेली से सत्तीझोड़ी और सत्तीझोड़ी से नल्लेझरी तक 11 केही की विद्युत लाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ किया है। साथ ही बिरसा विकासखण्ड में भूतना पंचायत के ग्राम गोरखपुर से कुदान तक और ग्राम चिचरूंगपुर से गुदमा तक भी 11 केव्ही की लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। बालाघाट के जिन ग्रामों में बिजली पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है, वे घने जंगलों के बीच में हैं और इनमें अधिकांश आबादी विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा की है। इन गाँवों में बिजली पहुँचने से बैगा जनजाति के घर रोशन होने लगेंगे। बिजली पहुँचने से ग्रामीण जन-संचार के आधुनिक साधन मोबाइल, रेडियो, टेलीविजन का उपयोग कर सकेंगे।
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