विदिशा। जिला अस्पताल के डॉक्टरों और स्टॉफ की लापरवाही 15 दिन के एक नवजात बच्चे पर भारी पड़ रही है। यहां इलाज के दौरान बच्चे का दायां हाथ काला पड़ गया है। यहां तक कि अब हाथ काटने की नौबत आ गई है। परिजनों ने जिला अस्पताल में बच्चे को गलत इंजेक्शन देने का आरोप लगाया है।
विदिशा जिला अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 15 दिन के एक नवजात बच्चे का हाथ काला पड़ गया है और भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के डॉक्टर मासूम बच्चे का हाथ काटने की बात कह रहे हैं। इससे बच्चे के माता-पिता समझ नहीं पा रहे हैं कि यदि नवजात बच्चे का हाथ काट दिया गया तो वह बड़ा होकर अपना जीवनयापन आखिर कैसे करेगा। बच्चे के पिता ने विधायक शशांक भार्गव के पास जाकर सही इलाज करवाने की मांग की है। इस पर विधायक शशांक भार्गव ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर बच्चे का इलाज करवाने की बात कही है। इसके अलावा बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने वाले डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग भी की।
ग्यारसपुर तहसील के लोहर्रा गांव के निवासी मनोज सेन ने कलेक्टर को दिये आवेदन में बताया है कि उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी मिथलेश सेन को डिलेवरी कराने के लिए 24 अगस्त को विदिशा के जिला अस्पताल लाए थे। 26 अगस्त को उनकी पत्नी ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया था। लेकिन जन्म के बाद लगने वाला जो टीका बच्चे को लगाया गया, वो एक्सपायरी डेट का था। इसके बाद बच्चे को बुखार आ गया। डॉक्टरों ने बच्चे को आईसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया। मनोज सेन ने आवेदन में लिखा है कि पांच दिन बाद जब बच्चा हमें मिला, तो उसका दायां हाथ काला पड़ चुका था। परिजनों के अनुसार भोपाल के डॉक्टरों ने बताया कि हाथ में एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाया है, जिससे जहर फैल गया है। अब बच्चे के हाथ को काटना पड़ेगा। वहीं, विदिशा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. संजय खरे का कहना है कि हमारे पास एक्सपायरी डेट का कोई इंजेक्शन नहीं है, फिर भी यदि कोई लापरवाही सामने आएगी, तो कार्रवाई करेंगे।